Mango Farmers News: दुनियाभर में आम मशहूर है, लेकिन बदलते मौसम में आम के पेड़ पर रोग एवं कीट लगने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसे में किसानों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं, क्योंकि रोग लगने पर आम की फसल की पैदावार प्रभावित होती है. वहीं किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. किसान तक ने रायबरेली के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के सहायक विकास अधिकारी दिलीप कुमार सोनी से बातचीत की. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में आम का सीजन चल रहा है. पौधे पर फल लगे हुए हैं, लेकिन इसमें लाल धारी दार फल बेधक (रेड बैंडेड कैटरपिलर) फ्रूट फ्लाई का खतरा ज्यादा रहता है. इससे बचाव के लिए किसान समय-समय पर दवा का छिड़काव करते हैं.
उन्होंने बताया कि यह एक ऐसे कीड़े होते हैं जो आम के फल के निचले हिस्से में छेद करता है. धीरे-धीरे इसका प्रकोप बढ़ने से फल सड़कर अपने आप नीचे गिर जाता है. इससे बचाव के लिए किसान क्विनालफॉस या क्लोरपायरीफॉस 2 ML प्रति लीटर या इममेक्टिन बेंजोएट 0.5 मिलीग्राम की दर से पौधे पर छिड़काव करें. यह किट रात या सुबह के समय अधिक सक्रिय रहते हैं. इसलिए दवा का छिड़काव शाम के समय या तड़के सुबह करें.
कृषि विशेषज्ञ दिलीप कुमार सोनी बताते हैं कि यह एक प्रकार का मक्खी कीट है, जो अप्रैल से लेकर मई के महीने में फल को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है. जिससे आम की पैदावार 90% तक कम हो जाती है. यह छोटी सुंडियों के छिलके को खाने के बाद आम के अंदर घुसकर गुदे को खाती हैं. इस मक्खी के शरीर पर पीले रंग की धारियां होती हैं, जो आम के फल को पूरी तरह से सड़ा देती है.
कृषि वैज्ञानिक दिलीप सोनी ने बताया कि समय-समय पर किसान भाई अपने खेतों में पहुंचकर समय-समय पर कीट को देखते रहे. अगर किसी भी प्रकार का कीट उन्हें खेत में दिखाई देता है, तो तुरंत उसका प्रबंधन कर लें. किसी भी जरूरी जानकारी के लिए रायबरेली के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ में पहुंच कर जानकारी ले सकते हैं.
बता दें कि पिछले साल भी आम 15 अप्रैल के आसपास आए थे, लेकिन इस साल एक महीने बाद आएंगे यानी 15 मई के आसपास बाजार में आम आ सकते हैं. हालांकि, इस साल आम के दाम बहुत ज्यादा रहेंगे क्योंकि उत्पादन कम हुआ है. वहीं इस साल आम की मिठास में भी कमी आएगी क्योंकि आम ऋतु के मुताबिक नहीं पक रहा है.
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