एयरलिफ्ट के बाद लाहौल से शिमला पहुंचीं हिमाचल में ही उगीं सब्जियां, 200 रुपये किलो तक में बिकीं

एयरलिफ्ट के बाद लाहौल से शिमला पहुंचीं हिमाचल में ही उगीं सब्जियां, 200 रुपये किलो तक में बिकीं

भले ही जिले से सब्जियों की ढुलाई आसाना बनाने के लिए मनाली-लाहौल के बीच सड़क संपर्क बहाल कर दिया गया है फिर भी कीमतें असाधारण रूप से ऊंची हैं. पिछले महीने जब हिमाचल प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में सड़क संपर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ था, लंबे और भीषण मॉनसून के कारण ज्‍यादातर सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं. लेट्स, ब्रोकली और शिमला मिर्च जैसी विदेशी सब्जियों के दाम हिमाचल में भी आसमान छू रहे हैं.

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Sep 13, 2025,
  • Updated Sep 13, 2025, 4:22 PM IST

लंबे और भीषण मॉनसून के कारण कई राज्‍यों में सड़कें बंद हैं और फसलें सड़ गईं. इससे ज्‍यादातर सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं. लेट्स, ब्रोकली और शिमला मिर्च जैसी विदेशी सब्जियों के दाम हिमाचल में भी आसमान छू रहे हैं. खास बात है कि इस राज्‍य में इन सब्जियों को उगाया जाता है. दरअसल, मनाली के रास्ते सड़कें बंद होने के कारण लाहौल से विदेशी सब्जियां सड़क के रास्‍ते से लेह लाई गईं और फिर इन्‍हें यहां से हवाई मार्ग के जरिये से दिल्‍ली पहुंचाया गया. 

200 रुपये तक में बिकती गोभी 

अखबार द ट्रिब्‍यून ने न्यू शिमला के एक सब्जी विक्रेता हरि कृष्ण राठौर के हवाले से लिखा, 'लाहौल से आई फूलगोभी शिमला में 200 रुपये प्रति किलो बिक रही है क्योंकि इसे लेह-दिल्ली होते हुए हमारे बाजारों में वापस भेजा गया था.' उन्होंने अपने नियमित ग्राहकों को यह वजह तब बताई जब वह गोभी की कीमतें इतनी ज्‍यादा होने पर हैरान थे. चंडीगढ़ में भी ज्‍यादातर सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं. उनका कहना है कि अगर दिल्ली-चंडीगढ़ से सब्जियां हिमाचल नहीं आएंगी तो बाजार में लगभग कोई सब्जी नहीं बचेगी क्योंकि हिमाचल में अत्यधिक बारिश के कारण फसल बर्बाद हो गई है. टमाटर भी 100 रुपये प्रति किलो बिके हालांकि कीमतें धीरे-धीरे कम हो रही हैं. 

अब खुलने लगीं सड़कें 

भले ही जिले से सब्जियों की ढुलाई आसाना बनाने के लिए मनाली-लाहौल के बीच सड़क संपर्क बहाल कर दिया गया है फिर भी कीमतें असाधारण रूप से ऊंची हैं. पिछले महीने जब हिमाचल प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में सड़क संपर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ था, लाहौल-स्पीति जिला प्रशासन ने किसानों की उपज को लेह के रास्‍ते से दिल्ली हवाई मार्ग से पहुंचाने की व्यवस्था की थी. इनमें से ज्‍यादातर विदेशी सब्जियां थीं.  

हिमाचल में उगतीं सब्जियां 

लिंदूर गांव के किसान बीर सिंह ने भारी नुकसान की सूचना दी. उन्होंने बताया कि 10 बीघा जमीन पर फूलगोभी की खेती की थी, लेकिन सड़कें बंद होने की वजह से पूरी फसल खेतों में ही नष्ट हो गई. उनकी तरह, इस क्षेत्र के कई किसानों को भी इसी तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. सोलन के रमश ठाकुर जैसे सब्जी उत्पादकों ने कहा कि इस सीजन में ज्‍यादातर  किसानों को भारी नुकसान हुआ है. पिछले महीने, लाहौल से ज्‍यादातर सब्जियां बारा लाचा-सरचू-लेह मार्ग से सड़क मार्ग से ले जाई गईं और फिर लेह से दिल्ली तक हवाई मालवाहक जहाज से पहुंचाई गईं. लाहौल-स्पीति की उपज, विशेष तौर पर मटर, ब्रोकली और आलू, हाई क्‍वालिटी वाली मानी जाती है और राष्‍ट्रीय बाजार में इनकी अच्छी कीमतें मिलती हैं. 

लेह से पहुंचीं 30 टन सब्जियां 

पिछले महीने केलांग-मनाली के बीच सड़क बंद होने के कारण लेह के रास्ते हवाई मार्ग से सब्जियों की बहुत कम मात्रा में ही ढुलाई हो पाई, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ. डिप्‍टी कमिश्‍नर किरण भढ़ाना ने पुष्टि की कि इस रुकावट के चलते लेह से कार्गो सेवा के जरिए लगभग 30 टन सब्जियां पहुंचाई गईं. उन्होंने आगे कहा कि किसान अब अटल सुरंग के रास्ते मनाली और कुल्लू की ओर जाने वाले सड़क मार्ग का प्रयोग कर रहे हैं. 

इस कठिन समय में, जब उनकी उपज खेतों में सड़ने का खतरा था, किसानों की सहायता के लिए कार्गो सेवा की विशेष रूप से व्यवस्था की गई थी. लाहौल के एक और किसान, प्रीतम सिंह ने कहा कि मनाली-लेह हाइवे के फिर से खुलने के बाद से, किसानों ने मनाली और अटल सुरंग के रास्ते अपनी उपज का ट्रांसपोर्टेशन फिर से शुरू कर दिया है क्योंकि लंबी दूरी के कारण लेह मार्ग पर परिवहन लागत काफी ज्‍यादा थी. 

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