100 फीसदी महंगी हुईं सब्जियां, दिवाली के बाद टमाटर और प्याज की कीमतों में गिरावट की है उम्मीद

100 फीसदी महंगी हुईं सब्जियां, दिवाली के बाद टमाटर और प्याज की कीमतों में गिरावट की है उम्मीद

शहर के मार्केट यार्ड अधिकारियों ने बताया कि टमाटर का थोक भाव 60 से 80 रुपये किलो है. जबकि एक महीने पहले थोक भाव 30 रुपये के आसपास था. इसी तरह प्याज का खुदरा भाव 40 रुपये से बढ़कर 60 रुपये प्रति किलो हो गया है. क्लस्टर बीन्स का खुदरा भाव एक महीने पहले 40 रुपये से बढ़कर 100 रुपये हो गया है.

Retail inflation based on the consumer price index (CPI) rose to 5.08% year-on-year last monthRetail inflation based on the consumer price index (CPI) rose to 5.08% year-on-year last month
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 11, 2024,
  • Updated Oct 11, 2024, 1:08 PM IST

महंगाई है कि कम होने का नाम नहीं ले रही है. एक चीज सस्ती होती है, तब तक दूसरे खाद्य पदार्थ महंगे हो जाते हैं. फिलहाल टमाटर और अन्य दूसरी हरी सब्जियों की कीमत में आग लगी हुई है. खास कर हैदराबाद में सब्जियां कुछ ज्यादा ही महंगी हो गई हैं. कहा जा रहा है कि कुछ सब्जियों की कीमत में तो 100 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो गई है. जबकि, कुछ के दाम 50 फीसदी तक बढ़ गए हैं. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. महंगाई का आलम यह है कि हैदराबाद में टमाटर 100 से 120 रुपये किलो बिक रहा है. इसी तरह खुदरा प्याज की की कमत भी 60 रुपये किलो हो गई है, जबकि पहले यह 40 रुपये किलो बिक रहा था. वहीं, एक्सपर्ट का कहना है कि दिवाली के बाद टमाटर और प्याज की कीमतो में गिरावट आने की उम्मीद है.

द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, शहर के मार्केट यार्ड अधिकारियों ने बताया कि टमाटर का थोक भाव 60 से 80 रुपये किलो है. जबकि एक महीने पहले थोक भाव 30 रुपये के आसपास था. इसी तरह प्याज का खुदरा भाव 40 रुपये से बढ़कर 60 रुपये प्रति किलो हो गया है. क्लस्टर बीन्स का खुदरा भाव एक महीने पहले 40 रुपये से बढ़कर 100 रुपये हो गया है. यानी इसकी कीमत में 100 फीसदी से भी अधिक बढ़ोतरी हुई है. किसानों और अधिकारियों ने बताया कि सितंबर में बहुत अधिक बारिश हुई थी. इससे बागवानी फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. इसके चलते कीमतों में इतनी अधिक बढ़ोतरी हुई है. 

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इन राज्यों से होती है टमाटर की आवक

अधिकारियों ने कहा कि नई फसल मार्केट में आने पर कुछ हफ़्तों में प्याज के दाम कम हो जाएंगे. इसी तरह महीने के अंत में टमाटर के दाम गिर जाएंगे. बोवेनपल्ली में डॉ. बी.आर. अंबेडकर सब्जी मंडी यार्ड के चयन ग्रेड सचिव एम. वेंकन्ना ने कहा कि मंडी यार्ड में 96 फीसदी टमाटर आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक सहित दूसरे राज्यों से आते हैं. बाकी 4 फीसदी तेलंगाना से आते हैं. जब भी दूसरे राज्यों से उपज कम होती है, तो कीमतें बढ़ जाती हैं.

बारिश से बागवानी फसलों को पहुंचा नुकसान

वेंकन्ना ने कहा कि इस साल बारिश ने कई राज्यों में बागवानी फसलों को नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि जब उपज स्थानीय स्तर पर कम हो जाती है, तब दूसरे राज्यों से सब्जियों की सप्लाई होती है, जिससे कीमतें बढ़ जाती हैं. वेंकन्ना ने कहा कि दशहरा के बाद टमाटर की कीमतों में आंशिक रूप से कमी आएगी. विकाराबाद के किसान नरसिम्हा रेड्डी ने कहा कि एक महीने बाद प्याज की कीमतों में कमी आएगी. हैदराबाद के बाहरी इलाकों जैसे विकाराबाद, शंकरपल्ली के कुछ किसान शहर में अपनी कृषि उपज बेचते हैं.

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