गर्मी में फूलगोभी की खेती के लिए बेस्ट है ये वैरायटी, इन 4 बातों का रखना होगा ध्यान

गर्मी में फूलगोभी की खेती के लिए बेस्ट है ये वैरायटी, इन 4 बातों का रखना होगा ध्यान

कृषि वैज्ञानिकों द्वारा इस नई किस्म की खोज के बाद अब किसान पूरे साल गोभी की खेती कर सकते हैं. इस नई किस्म की नर्सरी साल के फरवरी महीने से ही शुरू हो जाएगी. इसकी खेती से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं बशर्ते फूलों की गुणवत्ता और आकार सही हो. उसमें कीड़े न लगे हों.

फूलगोभी की खेतीफूलगोभी की खेती
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 24, 2024,
  • Updated May 24, 2024, 1:04 PM IST

फूलगोभी की खेती किसानों को अच्छा मुनाफा देकर जाती है. इसकी खेती में लागत के मुकाबले कमाई अधिक होती है, लेकिन अभी तक यह सिर्फ एक सीजन में पैदा होती है. ठंड के मौसम में इसका उत्पादन होता है. लेकिन बिहार के एक बागवानी महाविद्यालय ने अब गर्मी में भी पैदा होने वाली गोभी की किस्म तैयार कर दी है. अब किसान साल भर इसकी खेती कर सकेंगे और लोग उसका स्वाद ले पाएंगे. इसकी खेती से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं बशर्ते फूलों की गुणवत्ता और आकार सही हो. उसमें कीड़े न लगे हों. इसकी खेती के लिए उन्नत किस्म के बीजों का इस्तेमाल करके क‍िसान अच्छी आमदनी सुन‍िश्च‍ित कर सकते हैं. 

ठंड के सीजन में ज्यादातर घरों में मुख्य सब्जी के तौर पर फूल गोभी को ही खाया जाता है. विटामिन बी, विटामिन सी, फाइबर, प्रोटीन, फॉस्फोरस, मैंगनीज और पोटेशियम जैसे तत्वों की इसमें प्रचुरता होती है. लेकिन इसका फायदा सिर्फ एक ही सीजन में मिलता है. अब बिहार के कृषि उद्यान महाविद्यालय नालंदा में फूलगोभी की एक ऐसी किस्म की खोज की गई है, जिससे गर्मियों में भी फूलगोभी की खेती की जा सके. यहां पर फूलगोभी की वैरायटी 6099 को विकसित किया गया है. 

अब तक किसान सिर्फ सर्दियों में ही फूलगोभी की खेती करते थे. जुलाई में फूलगोभी की नर्सरी तैयार की जाती थी. अगस्त महीने में इसकी बुवाई शुरू हो जाती थी. जिसके बाद मार्केट में आवक की शुरुआत अक्टूबर से हो जाती थी. कृषि वैज्ञानिकों द्वारा इस नई किस्म की खोज के बाद अब किसान पूरे साल गोभी की खेती कर सकते हैं. इस नई किस्म की नर्सरी साल के फरवरी महीने से ही शुरू हो जाएगी. इस किस्म को गरमा फूलगोभी कहा गया है, क्योंकि इसकी पहली उपज मई महीने में होगी. दूसरी नर्सरी जून महीने में शुरू होगी. जिसकी पैदावार अक्टूबर माह तक मिलती है.

इन बातों का ध्यान रखें

जुताई से पहले खेत में प्रति 4 कट्ठे यानी 0.1 एकड़ जमीन पर 1 ट्रॉली गोबर या जैविक खाद डालें. इसके बाद जुताई करें और जुताई के बाद फसल की बुवाई कर सकते हैं.

इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 5.5 से लेकर 6.5 के बीच का होना चाहिए.

बुवाई के बाद हर दो से तीन दिन बाद फसल की सिंचाई करें. सिंचाई इसलिए जरूरी है ताकि तेज गर्मी का प्रभाव पड़ने से फूल को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे.

इसकी खेती पंक्ति में की जाती है. लाइन से लाइन की दूरी 45 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए जबकि पोधे से पौधे की दूरी 45 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए. 

तेज गर्मी के प्रभाव को कम करने के लिए रसायनिक खाद की जगह जैविक खाद का उपयोग किया जाना चाहिए. ताकि फसल की गुणवत्ता अच्छी हो.

यूरिया खाद का इस्तेमाल बिल्कुल न करें. सर्दियों की फसल में यूरिया का इस्तेमाल किया जाता है.

गर्मियों में फूलगोभी की खेती के लाभ

गर्मियों में फूलगोभी की खेती करने के कई लाभ हैं. जैसे इस उपज का बाज़ार में अच्छा दाम मिलता है क्योंकि इसकी खेती सर्दियों के मुक़ाबले गर्मियों में कम होती है. यही वजह है कि मार्केट में उच्च मांग में रहने वाली इस सब्जी को लोग ज्यादा मूल्य पर खरीदते हैं.

अन्य किस्मों की खेती 

पूसा दीपालीः यह फूलगोभी की उन्नत किस्म है इसे आईएआरआई, पूसा ने विकसित किया है. इस किस्म की खासियत यह है कि यह रोपाई के बाद कटाई के लिए जल्दी तैयार हो जाती है. उत्तर भारत के राज्यों में खेती करने के लिए यह किस्म उपयुक्त मानी जाती है. इसके फूल का रंग सफेद होता है और इस किस्म की खेती में प्रति एकड़ किसान को 48 क्विंटल तक की उपज प्राप्त होती है. 

पूसा कार्तिकीः फूलगोभी की इस किस्म का रंग सफेद होता और आकार में छोटा होता है. इसके साथ ही यह खाने में स्वादिष्ट होती है. खेत में लगाने के 75 से 80 दिन बाद गोभी की यह किस्म कटाई के लिए तैयार हो जाती है. फूल गोभी की इस किस्म की खेती करके किसान एक एकड़ में 75-80 क्विंटल तक पैदावार हासिल की जा सकती है.

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