Sugarcane Farming: गन्ना एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है, जिसे भारत के कई राज्यों में उगाया जाता है. मई का महीना ग्रीष्मकालीन गन्ने की बुआई के लिए उपयुक्त माना जाता है. हालांकि इस मौसम में उपज थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन यदि उचित किस्मों, उर्वरकों और जल प्रबंधन का ध्यान रखा जाए, तो अच्छी पैदावार संभव है. आइए जानें गर्मियों में गन्ने की खेती की सही विधियां.
ध्यान रहे अधिक बढ़ने पर गन्ना गिर सकता है, इसलिए दोहरी पंक्ति विधि से बुआई करें, मिट्टी चढ़ाएं और बांधकर रखें.
ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र में जल्द पहुंचेगा दक्षिण-पश्चिम मॉनसून, अगले 2-3 दिन अनुकूल
यदि गन्ने के पौधे थोड़े बड़े हो जाएं, तो मई में हल्की मिट्टी चढ़ाना लाभकारी होता है. इससे न केवल खरपतवार नियंत्रण होता है, बल्कि पौधों को गिरने से भी रोका जा सकता है.
ये भी पढ़ें: Kashmir Agriculture: कश्मीर के किसानों की उगाई चेरी का स्वाद चखेंगे मुंबई वाले, दौड़ेगी पहली कार्गो ट्रेन
बुआई के लगभग 3 महीने बाद 60-75 किलोग्राम नाइट्रोजन (130-163 किग्रा यूरिया) प्रति हेक्टेयर की टॉप ड्रेसिंग करें. इससे गन्ने की वृद्धि तेज होती है और पैदावार बढ़ती है.
बुआई के समय 2 लीटर क्लोरोपायरीफॉस को 400 लीटर पानी में घोलकर पंक्तियों में डालें.
अगोलाबेधक कीट की रोकथाम के लिए
अप्रैल से जुलाई के बीच रैनेक्सीपैर 20 एससी की 150 मि.ली. को 400 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें.
जून के अंत में 13 किग्रा कार्बोफ्यूरॉन प्रति एकड़ भूमि में डालना भी प्रभावी उपाय है.