Soybean Farming: किन राज्यों में होती है सोयाबीन की अधिक खेती, क्या है मंडी भाव?

Soybean Farming: किन राज्यों में होती है सोयाबीन की अधिक खेती, क्या है मंडी भाव?

सोयाबीन उत्पादन में महाराष्ट्र की ह‍िस्सेदारी अब देश में 45.35 फीसदी हो गई है जबक‍ि मध्य प्रदेश अब 39.83 फीसदी पर सिमट गया है. जबकि पहले मध्य प्रदेश देश का सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक था. भारत में उत्पादित कुल सोयाबीन का लगभग 94 प्रतिशत महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में होता है. 

जानिए सबसे ज्यादा कहां होती है सोयाबीन की खेती (Photo-ICAR).जानिए सबसे ज्यादा कहां होती है सोयाबीन की खेती (Photo-ICAR).
सर‍िता शर्मा
  • Noida,
  • Sep 22, 2023,
  • Updated Sep 22, 2023, 1:28 PM IST

सोयाबीन की एक ऐसी फसल है जिसकी गिनती तिलहन और दलहन दोनों में होती है. भारत की तिलहन फसलों में इसका दूसरा स्थान है. यह फसल भारत मे व्यावसायिक तौर पर 70 के दशक में आई थी. उससे पहले यह देश के लिए नई फसल थी. लेकिन अपनी खूबियों की वजह से यह धीरे-धीरे सबसे लोकप्रिय फसलों में शामिल हो गई. भारत में उत्पादित कुल सोयाबीन का लगभग 94 प्रतिशत महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में होता है. भारत में सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक महाराष्ट्र है. खाद्य तेलों पर आयात पर निर्भरता कम करने में सोयाबीन महत्वपूर्ण योगदान है. 

सोयाबीन की बुवाई जून के तीसरे सप्ताह से जुलाई के मध्य तक सही मानी जाती है.सोयाबीन की फसल को पकने में 100 से 130 दिनों का समय लगता है जो उसकी किस्म पर निर्भर करता है. फसल जब पक जाती है तब उसकी पत्तियां पीली हो जाती हैं. कटाई के समय, बीजों में नमी की मात्रा लगभग 15 प्रतिशत होनी चाहिए. कभी मध्य प्रदेश सोयाबीन का सबसे बड़ा उत्पादक होता था, इसलिए यहां के इंदौर शहर में सोयाबीन रिसर्च सेंटर बनाया गया है, जो पूरे देश के किसानों को इसकी खेती के बारे में मदद करता है. इंदौर में सोयाबीन की बड़ी मंडी है. 

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महाराष्ट्र ने मध्य प्रदेश से छीना ताज

पहले मध्य प्रदेश देश का सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक था. लेकिन, अब उत्पादन में महाराष्ट्र नंबर वन बन गया है. प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में महाराष्ट्र पहले भी आगे ही रहता था. लेक‍िन अब उत्पादन की कुल ह‍िस्सेदारी और उत्पादकता दोनों में महाराष्ट्र अव्वल हो गया है. सोयाबीन उत्पादन में महाराष्ट्र की ह‍िस्सेदारी अब 45.35 फीसदी हो गई है जबक‍ि मध्य प्रदेश अब 39.83 फीसदी पर सिमट गया है. कभी मध्य प्रदेश की ह‍िस्सेदारी 53.68 फीसदी थी और महाराष्ट्र स‍िर्फ 33.51 फीसदी पर था.

किस मंडी में कितना है दाम?

केंद्र सरकार ने 2023-24 के लिए सोयाबीन की एमएसपी 4600 रुपये प्रति क्विंटल तय की हुई है. साल 2022-23 में 4300 रुपये का सरकारी भाव था. लेकिन, मंडियों में लंबे समय से किसानों को एमएसपी से कम दाम मिल रहा है. हालांकि 2021 में महाराष्ट्र में अब तक का रिकॉर्ड भाव 11000 रुपये प्रति क्विंटल तक मिला था. लेकिन उसके बाद इतना दाम अब तक नहीं हुआ. एक रिपोर्ट के अनुसार 20 सितंबर को देश में सोयाबीन का औसत दाम 4597.5 रुपये प्रति क्विंटल रहा. न्यूनतम दाम कीमत 4000 जबकि अधिकतम दाम 5090 रुपये प्रति क्विंटल रहा. बात करें महाराष्ट्र की तो यहां की लासलगांव विन्चूर मंडी में 21 सितंबर को न्यूनतम दाम 3000 और औसत 4900 रुपये प्रति क्विंटल रहा. औरंगाबाद में न्यूनतम दाम 4660 और अधिकतम 4700 रुपये रहा. जबकि अमरावती में न्यूनतम भाव 3879 जबकि अधिकतम 4761 रुपये रहा.

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