धान के लिए बेहद खतरनाक है शीथ ब्लाइट रोग, इस आसान तरीके से करें फसल का बचाव

धान के लिए बेहद खतरनाक है शीथ ब्लाइट रोग, इस आसान तरीके से करें फसल का बचाव

धान की फसल में हर चरण में अलग-अलग बीमारियों का प्रकोप होता है. इन रोगों से किसानों को नुकसान भी होता है. इसके लिए हरियाणा सरकार भी किसानों की मदद कर रही है. सरकार ने धान की फसल में लगने वाले रोग से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है.

धान के लिए बेहद खतरनाक है शीथ ब्लाइट रोगधान के लिए बेहद खतरनाक है शीथ ब्लाइट रोग
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Sep 16, 2023,
  • Updated Sep 16, 2023, 6:49 PM IST

चावल महत्वपूर्ण खाद्य फसलों में से एक है और दुनिया की लगभग आधी आबादी के लिए दैनिक आहार का एक अनिवार्य हिस्सा भी.  भारत दुनिया में धान का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. अभी धान की फसल में बालियां और दाने बनने लगे हैं. वहीँ यह समय धान में बीमारियों का माना जाता है. बीमारी लगने से किसानों को फसलों का नुकसान भी होता है. इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आज हम बात करेंगे धान की फसल में लगने वाले प्रमुख रोगों और उनकी पहचान और प्रबंधन के बारे में ताकि किसान अपने धान की फसल में उस रोग की पहचान कर सकें और फसल को बचा सकें. इसके लिए सरकार भी कई एडवाइजरी देती रहती है ताकि किसानों की फसलों को नुकसान होने से बचाया जा सके.

हरियाणा सरकार के कृषि विभाग ने धान की फसल में लगने वाले रोग से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है. इसमें बताया गया है कि धान में लगने वाले रोग से उसे कैसे बचाया जा सकता है. आइए जानते हैं कौन सा है रोग और उस रोग की कैसे कर सकते हैं रोकथाम.

शीथ ब्लाइट रोग के लक्षण

शीथ ब्लाइट धान का खतरनाक रोग है. इसे राइस शीथ ब्लाइट भी कहते हैं. यह दुनिया भर में चावल की सबसे महत्वपूर्ण बीमारियों में से एक है. इस रोग के कारण अनाज की उपज और गुणवत्ता में भारी नुकसान होता है. इस बीमारी में पौधों के तने पर लिपटे पत्तों के भाग पर अनियमित आकार के मटमैले सफेद और हरे धब्बे दिखाई देते हैं, जिसका किनारा गहरा और बैंगनी रंग का होता है. बाद में इन धब्बों का रंग पुआल जैसा हो जाता है. इस बिमारी का लक्षण फसल में फुटाव से दाना आने तक फैलता है.

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शीथ ब्लाइट बीमारी की रोकथाम

इस रोग के प्रारंभिक लक्षण दिखते ही लस्टर 37.5 फीसदी एस.ई. 484 मिली प्रति एकड़ का छिड़काव करें. एक और विकल्प है. इसके लिए शीथमार 3 फीसदी एल 360 मिली प्रति एकड़ या गौडीवा सुपर 29.6 फिसदी एससी 200 मिली का छिड़काव करें. दवाओं का छिड़काव मौसम साफ होने पर ही करें. वरना छिड़काव बेकार हो जाएगा.

अधिक जानकारी के लिए करें संपर्क

हरियाणा सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए टोल फ्री नंबर 18001802117 जारी किया है, जहां किसान कॉल करके धान में लगने वाली रोगों की रोकथाम की जानकारी ले सकते हैं. अगर आप भी हरियाणा के किसान हैं, तो धान की फसल को रोगों से बचाने के लिए यहां से जानकारी ले सकते हैं.

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