घरेलू आपूर्ति को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने चावल निर्यात पर अंकुश लगा रखा है. इस वजह से 2023-24 के दौरान गैर बासमती चावल के निर्यात में भारी गिरावट दर्ज की गई है. भारत से सबसे ज्यादा गैर बासमती चावल पश्चिम अफ्रीकी देश बेनिन को निर्यात किया गया है. जबकि, पश्चिम एशियाई देशों से अधिक मांग के चलते बासमती चावल के निर्यात में उछाल दर्ज किया गया है. सउदी अरब भारत से सबसे ज्यादा बासमती चावल खरीदने वाला देश रहा है.
फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के दौरान भारत के चावल निर्यात वॉल्यूम में 27 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि डॉलर वैल्यू में 6.5 प्रतिशत की गिरावट आई है. इसकी वजह गैर बासमती चावल के शिपमेंट में गिरावट रही है. सरकार ने घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने और खाद्यान्न की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए गैर बासमती चावल के निर्यात पर अंकुश लगाया है.
पश्चिम एशियाई क्षेत्र के पुराने खरीदारों की मांग के कारण बासमती चावल निर्यात में पिछले वर्ष की तुलना में वॉल्यूम में 15 प्रतिशत और मूल्य में 22 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है. वॉल्यूम लेवल पर बासमती शिपमेंट पिछले वित्त वर्ष के 4.56 मिलियन टन से बढ़कर 5.24 मिलियन टन की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है. जबकि वैल्यू मामले में सुगंधित चावल बासमती का निर्यात एक साल पहले के 4.78 बिलियन डॉलर से बढ़कर 5.83 बिलियन डॉलर की नई ऊंचाई पर पहुंच गया. रुपये के मामले में निर्यात 38,525 करोड़
से बढ़कर 48,389 करोड़ रुपये हो गया है.
सऊदी अरब 1.09 मिलियन टन की वॉल्यूम के साथ भारतीय बासमती चावल का सबसे बड़ा खरीदार बना रहा है, जिसने पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 15 प्रतिशत की बढ़त हुई है. वहीं, ईरान को पछाड़कर इराक भारतीय बासमती का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा. इराक को 2023-24 में बासमती का निर्यात एक साल पहले के 0.36 मिलियन टन से 126 प्रतिशत बढ़कर 0.82 मिलियन टन हो गया. ईरान को बासमती निर्यात पिछले वर्ष के 0.99 मिलियन टन की तुलना में 32 प्रतिशत घटकर 0.67 मिलियन टन रह गया.
साल 2023-24 के दौरान भारत ने चुनिंदा देशों जैसे बेनिन, टोगो, गिनी और वियतनाम को उनकी मांग अनुरोध पर गैर बासमती चावल निर्यात किया है. इनमें से पश्चिम अफ्रीकी देश बेनिन को सबसे ज्यादा 1.28 मिलियन टन चावल निर्यात किया गया. जबकि, एक साल पहले के यहां 1.55 मिलियन टन से कम निर्यात हुआ था. इसी तरह पश्चिम अफ्रीकी देश गिनी 0.91 मिलियन टन के साथ भारतीय गैर बासमती चावल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार रहा और टोगो देश को 0.70 मिलियन टन गैर बासमती चावल निर्यात किया गया. इसी तरह वियतनाम को 0.69 मिलियन टन और कोटे डी आइवर को 0.61 मिलियन टन गैर बासमती चावल निर्यात किया गया.