पंजाब के किसानों के लिए खुशखबरी है. मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने 11 जून से राज्य के ज्यादातर हिस्सों में धान की रोपाई की इजाजत दे दी है. खास बात यह है कि इसको लेकर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि धान की सीधी बुआई (डीएसआर) पद्धति अपनाने वाले किसान 15 मई से बुआई शुरू कर सकते हैं. विभाग ने इस उद्देश्य के लिए किसानों को आठ घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति का आश्वासन दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार भूजल स्तर में सुधार करने के लिए भी पूरी कोशिश कर रही है. इसके लिए वह राज्य में धान की सीधी बुवाई करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. खास बात यह है कि धान की सीधी बुवाई करने वाले किसानों को अलग से तिथि तय की गई है. धान की सीधी बुवाई करने वाले किसान 15 मई से खेती शुरू करेंगे. वहीं, मुक्तसर, बठिंडा, फाजिल्का, फरीदकोट, मानसा और फिरोजपुर के किसानों को 11 जून से धान की रोपाई करने की अनुमति दी गई है.
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कृषि विभाग के अनुसार, राज्यपाल ने 15 से 31 मई तक डीएसआर कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है. यानी किसानों को 15 दिनों के अंधर ही धान की सीधी बुवाई करनी होगी. क्योंकि जून में प्रदेश के कई जिलों में क्रमबद्ध तरीके से नहर का पानी उपलब्ध होगा. फरीदकोट, मानसा, फाजिल्का, बठिंडा, फिरोजपुर, मुक्तसर साहिब और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कंटीले तारों से लगे इलाकों के लिए 11 जून से नहर में पानी की सप्लाई की जाएगी.
वहीं, मोहाली, रोपड़, लुधियाना, मालेरकोटला, पटियाला, मोगा, संगरूर, बरनाला, फतेहगढ़ साहिब, कपूरथला, नवांशहर, तरनतारन, जालंधर, होशियारपुर और अमृतसर सहित शेष क्षेत्रों के लिए 15 जून से सिंचाई के लिए नहर के पानी की आपूर्ति की जाएगी. साथ ही ट्यूबवेल का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी.
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बता दें कि इस साल पंजाब सरकार ने लंबी अवधि वाली धान की पूसा-44 किस्म की खेती पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है, जिसमें नर्सरी की बुआई से लेकर अनाज की कटाई तक 155-160 दिन का समय लगता है. राज्य सरकार चाहती है कि किसान पीआर-126 जैसी कम अवधि वाली किस्में लगाएं, जो लगभग 125 दिनों में पक जाती हैं और कम पानी की खपत करती हैं.