भारत द्वारा प्याज एक्सपोर्ट बैन के बाद पाकिस्तान ने भी इस मसले पर एक अहम फैसला लिया है. पाकिस्तान के फैसले से दुनिया के कई बड़े प्याज खरीदारों में हाहाकार मची हुई है. प्याज को लेकर पाकिस्तान का नया फैसला भारत से पारंपरिक तौर पर प्याज खरीद करने वाले देशों की मजबूरी का फायदा उठाने वाला है. दरअसल, पाकिस्तान ने अपने देश में बढ़ती प्याज की कीमतों की आड़ में प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) 1200 यूएस डॉलर प्रति टन कर दिया है. भारत के प्याज एक्सपोर्ट बैन का उसे दोहरा लाभ मिल रहा है. एक तरफ वो जमकर पैसा कमा रहा है तो दूसरी ओर भारत की बनी बनाई प्याज मार्केट पर कब्जा कर रहा है.
नासिक के बड़े प्याज एक्सपोर्टर विकास सिंह का कहना है कि पिछले करीब सात महीने से प्याज को लेकर भारत में जिस तरह के फैसले हुए हैं उसका सीधा फायदा पाकिस्तान को होता हुआ नजर आ रहा है. इसीलिए हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूशर एक्सपोर्टर एसोसिएशन ने कहा है कि एक्सपोर्ट बंद करने की बजाय उसे शर्तों के साथ चालू किया जाना चाहिए. जिस देश को जरूरत होगी वो हमसे खरीदेगा. एक्सपोर्ट बैन से पूरा बना बनाया मार्केट चौपट हो जाता है, इसलिए बैन करने से देश को बड़ा नुकसान होता है.
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नासिक के ही एक प्याज एक्सपोर्टर ने बताया कि एक्सपोर्ट बैन होने के बाद यहां की एक कंपनी को अमेरिका की सबसे बड़ी रिटेल स्टोर चेन वालमार्ट ने ब्लैकलिस्ट कर दिया है. क्योंकि एक्सपोर्ट बैन के बाद कंटेनर में पैक हुआ उसका माल नहीं जा सका. अब भारत के प्याज ट्रेड की क्रेडिबिलिटी पर सवाल उठ रहे हैं. महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध कभी नहीं लगाना चाहिए बल्कि शर्तें लगा देनी चाहिए. ताकि किसानों की आय पूरी तरह से न रुके. कम से कम पाकिस्तान से ही सीख जाते. प्रतिबंध लगाने की बजाय शर्तों के साथ एक्सपोर्ट करते तो किसानों की कमाई पर असर नहीं पड़ता. अभी 15 रुपये किलो प्याज का दाम रह गया है. क्या सरकार हमसे 5 रुपये किलो पर प्याज चाहती है?
भारत के एक प्याज एक्सपोर्टर ने बताया कि पाकिस्तान में प्याज की घरेलू कीमतें 250 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं. इसलिए उसने 750 यूएस डॉलर से बढ़ाकर एमईपी 1200 डॉलर प्रति टन कर दिया. इस तरह पाकिस्तानी रुपये में वो लोग 337 रुपये किलो पर प्याज का एक्सपोर्ट कर रहे हैं. हमारे पड़ोसी मुल्क ने एमईपी बढ़ा दिया लेकिन प्याज एक्सपोर्ट बैन नहीं किया, जिससे वहां के किसानों को फायदा हो रहा है और इधर, भारत के किसान एक्सपोर्ट बैन से बर्बाद हो रहे हैं.भारत ने 7 दिसंबर को देर रात प्याज एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था. जिससे किसानों में गुस्सा है.
भारत दुनिया का नंबर वन प्याज निर्यातक देश है. चीन दूसरे, हालैंड तीसरे, पाकिस्तान चौथे और तुर्किये पांचवें नंबर पर है. भारत ने साल 2022-23 में 25,25,258 मीट्रिक टन प्याज का एक्सपोर्ट किया. जिससे हमें 4,523 करोड़ रुपये मिले. सामान्य तौर पर हम सबसे ज्यादा प्याज का एक्सपोर्ट बांग्लादेश, श्रीलंका, अरब देशों और मलेशिया को करते हैं. हालांकि, उत्पादन के मामले में अब भारत को पीछ़े छोड़कर चाइना पहले नंबर पर पहुंच गया है, क्योंकि भारत के किसानों ने कम दाम से परेशान होकर खेती कम कर दी है.
भारत के पारंपरिक अंतरराष्ट्रीय प्याज बाजार के रूप में श्रीलंका, बांग्लादेश, मलेशिया, सिंहापुर, मिडिल ईस्ट, नेपाल और इंडोनेशिया आदि जाने जाते रहे हैं, लेकिन एक्सपोर्ट बैन की वजह से अब उन पर पाकिस्तान कब्जा कर रहा है. पाकिस्तान में बलूचिस्तान और सिंध प्रांत में बड़े पैमाने पर प्याज की खेती होती है. इस बार वहां प्याज की खेती बढ़ने का अनुमान है क्योंकि किसानों को अच्छा दाम मिल रहा है जबकि हमारे यहां लगातार सरकारी हस्तक्षेप से किसान परेशान हैं और वो खेती कम कर रहे हैं.
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