तमिलनाडु के मयिलादुथुराई जिले में बीते हफ्ते हुई बेमौसम बारिश से हजारों एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई. इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. ऐसे में पीड़ित किसानों ने उत्साह के साथ इस बार पोंगल त्योहार नहीं मनाया. किसानों का कहना है कि अभी जिले में धान कटाई का काम चल रहा है. लेकिन, 7 और 8 जनवरी को हुई जोरदार बारिश से खेतों में पानी भर गया. इससे धान की फसल चौपट हो गई. अब किसानों ने राज्य सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारी बारिश से धान के खेतों में पानी भर गया. लेकिन खेत से पानी की निकासी करने में किसानों को काफी समय लग गया. इससे खेत में लगी फसलें बर्बाद हो गईं. मयिलादुथुराई जिले के कोल्लीदम ब्लॉक के कुन्नम गांव के किसान जी राजारमन ने कहा कि मैंने लगभग 15 एकड़ भूमि पर धान की खेती की. बारिश के कारण 60 फीसदी से अधिक फसल खराब हो गई. खास बात यह है कि शिकायत करने के बाद कृषि अधिकारियों ने अभी तक बारिश प्रभावित क्षेत्रों का दौरा नहीं किया है. ऐसे में किसानों की आर्थिक नुकसान को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.
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कृषि विभाग के अनुसार, जिले में 1.7 लाख एकड़ में किसानों ने धान सहित कई फसलों की खेती की है. इसमें से लगभग 18,000 एकड़ में लगी धान की फसल खराब हो गई. इसके अलावा करीब 2,000 एकड़ में लगी मूंगफली की फसल भी बारिश से बर्बाद हो गई. फसल क्षति से प्रभावित किसान प्रखंडों के कई इलाकों में खेतों से पानी निकाल कर फसल को पुनर्जीवित करने की उम्मीद लगाये बैठे हैं.
सिरकाज़ी ब्लॉक के पेरुमंगलम के किसान एन गणेश ने कहा कि हमारे गांव के किसानों ने लगभग 700 एकड़ भूमि पर विभिन्न प्रकार की फसलों की खेती की थी, जिसमें लंबी अवधि की फसलें, मध्यम अवधि की फसलें और साथ ही पारंपरिक किस्में शामिल थीं. लेकिन बारिश के पानी खेत में भर जाने से फसल को नुकसान पहुंचा है. किसान अभी भी मोटर पंप से खेत में से पानी निकाल रहे हैं. केवल कुछ लोगों ने बारिश से पहले धान की फसल की कटाई की थी.
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मयिलादुथुराई में कृषि और किसान कल्याण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कई क्षेत्रों में पानी कम होने के बाद संभावित फसल क्षति कम हो गई है. राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारी जल्द ही निरीक्षण करेंगे और जिला प्रशासन से मंजूरी के बाद नुकसान की गणना करेंगे.