Mango export to US: भारत से अमेरिका को आम का निर्यात फिर से बढ़ा, निर्यातकों ने ली राहत की सांस 

Mango export to US: भारत से अमेरिका को आम का निर्यात फिर से बढ़ा, निर्यातकों ने ली राहत की सांस 

भारत में आम के निर्यातकों ने, निर्यात (Mango export to US) बहाल होने से राहत की सांस ली है. मुंबई स्थित इरैडिएशन फैसिलिटी सेंटर पर 8 और नौ मई को अमेरिकी अथॉरिटीज ने आम की 12 खेपों को रेडिएशन प्रॉसेस सही से न होने की वजह से अस्‍वीकार कर दिया था. इस फैसले को भारत के निर्यातकों के लिए एक बड़ा झटका माना गया था.

Mango export India USMango export India US
क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • May 21, 2025,
  • Updated May 21, 2025, 11:35 AM IST

Mango export to US: पिछले दिनों अमेरिका ने भारत से निर्यात किए जाने वाले आमों की 12 खेपों को अस्‍वीकार कर दिया था. लेकिन अब खबरें आ रही हैं कि निर्यात में फिर से इजाफा होने लगा है. इसके साथ ही मुंबई स्थित अहम मैंगो ट्रीटमेंट फैसिलिटी में इरैडीऐशन ऑपरेशंस भी सामान्‍य तरीके से काम करने लगे हैं. इस महीने की शुरुआत में मुंबई स्थित इस सेंटर पर उस पर आम के निर्यात में बाधा पैदा हुई थी जब डाटा रिकॉर्डिंग में एक गलती की वजह से संचालन ठप हो गया था. 

डाटा एरर की वजह से ठप निर्यात 

मुंबई स्थित इरैडिएशन फैसिलिटी सेंटर पर 8 और नौ मई को अमेरिकी अथॉरिटीज ने आम की 12 खेपों को रेडिएशन प्रॉसेस सही से न होने की वजह से अस्‍वीकार कर दिया था. इस फैसले को भारत के निर्यातकों के लिए एक बड़ा झटका माना गया था. अधिकारियों के हवाले से इकोनॉमिक टाइम्‍स ने बताया है कि 10 मई से आमों का निर्यात फिर से शुरू हो गया है. एक अधिकारी ने स्‍पष्‍ट किया कि बाकी दो इरैडिएशन फैसिलिटी सेंटर्स पर कोई भी असर नहीं पड़ा है. बताया जा रहा है कि अथॉरिटीज इस बात का पता लगाने में जुट गई हैं कि एरर की वजह क्‍या थी. फैसिलिटी मैनेजमेंट के सीनियर लेवल पर इसकी जांच की जा रही है. 

एयरपोर्ट्स पर रिजेक्‍ट शिपमेंट 

पहले आई रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी अधिकारियों ने निर्यात के दौरान डॉक्‍यूमेंटेशन प्रॉसेस में चूक के चलते भारतीय आमों की शिपमेंट्स को रिजेक्‍ट कर दिया है. बताया जा रहा था कि लॉस एंजिल्स, सैन फ्रांसिस्को और अटलांटा एयरपोर्ट्स पर अधिकारियों ने इन खेपों को लेने से इनकार कर दिया था. भारत की तरफ से अमेरिका को को-ऑपरेटिव सर्विस एग्रीमेंट के तहत आमों का निर्यात किया जाता है. भारत की एपीडा और अमेरिका के एनिमल एंड प्‍लांट हेल्‍थ इनस्‍पेक्‍शन सर्विस (APHIS) के बीच हुए समझौते के बाद आमों का निर्यात होता है. 

निर्यात में 130 फीसदी इजाफा 

प्‍लान के तहत आमों को भारत के रजिस्‍टर्ड बागों से खरीदा जाता है. इसके बाद इन्‍हें ग्रेड दिया जाता है और मान्‍यता प्राप्‍त पैक हाउसेज में इन्‍हें छांटा जाता है. पहले गर्मी पानी से फंगा को साफ किया जाता है और फिर अंत में अमेरिकी कृषि विभाग के इरैडिएशन फैसिलिटीज में इन्‍हें निर्यात की मंजूरी दी जाती है. वर्तमान समय में ऐसी तीन फैस‍िलिटीज काम कर रही हैं. भारत को अमेरिका निर्यात किए जाने वाले आमों की संख्‍या में इजाफा हुआ है और यह 130 फीसदी तक पहुंच गया है. निर्यात वैल्‍यू साल 2022-23 में 4.36 लाख डॉलर थी. साल 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर 10.01 लाख डॉलर पर पहुंच गया है. भारत दुनिया में आमों के निर्यात के मामले में छठा सबसे बड़ा निर्यातक देश है. 

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