महाराष्ट्र सरकार ने कृषि लोन की रिकवरी पर लिया बड़ा फैसला, 40 तालुकाओं में हजारों किसानों को होगा फायदा

महाराष्ट्र सरकार ने कृषि लोन की रिकवरी पर लिया बड़ा फैसला, 40 तालुकाओं में हजारों किसानों को होगा फायदा

साल 2018 में, राज्य सरकार ने राजस्व क्षेत्रों को सूखाग्रस्त घोषित करने के मानदंड के रूप में 75 प्रतिशत से कम औसत वर्षा तय की थी. उसके अनुसार पूरे महाराष्ट्र में 358 तहसीलों में से 151 तालुकाओं को सूखा प्रभावित घोषित किया गया.

महाराष्ट्र सरकार ने कृषि लोन रिकवरी को किया निलंबित. (सांकेतिक फोटो)महाराष्ट्र सरकार ने कृषि लोन रिकवरी को किया निलंबित. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 01, 2024,
  • Updated Jan 01, 2024, 1:00 PM IST

महाराष्ट्र के किसानों के लिए खुशखबरी है. राज्य सरकार ने कृषि लोन की रिकवरी के ऊपर एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने शुक्रवार को इसके संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें हाल ही में सूखाग्रस्त घोषित किए गए 40 तालुकाओं में कृषि लोन की रिकवरी को निलंबित करने का आदेश दिया गया है. खास बात यह है कि सरकार ने लोन के पुनर्गठन का भी आदेश दिया है. प्रस्ताव के अनुसार, अगर सरकार ने निर्देश रद्द नहीं किया तो 2023 खरीफ सीजन के लिए सूखे की घोषणा करने वाला आदेश 10 नवंबर से लागू होगा और अगले छह महीने तक लागू रहेगा.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि कई किसान लोन के पुनर्गठन का विकल्प चुनने से बचते हैं, क्योंकि इसके परिणामस्वरूप मौजूदा कृषि और फसल लोन के लिए ब्याज दरों में बहुत अधिक बढ़ोतरी हो जाती है. दरअसल, सरकार ने 31 अक्टूबर को 24 तालुकाओं में गंभीर सूखा और 16 तालुकाओं में मध्यम सूखा घोषित करने का निर्णय लिया था. तब राज्य सरकार ने न केवल 1,021 राजस्व क्षेत्रों में सूखे जैसी स्थिति की घोषणा करने का निर्णय लिया गया, बल्कि 2023 के खरीफ सीजन में कृषि से संबंधित लोन वसूली को निलंबित करने और अल्पकालिक फसल लोन को मध्यम अवधि के ऋणों में पुनर्गठित करने का भी फैसला लिया था.

आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था

साथ ही  सरकार ने सभी वाणिज्यिक बैंकों (सार्वजनिक, निजी, क्षेत्रीय ग्रामीण और माइक्रोफाइनेंस बैंक), महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड और संबंधित जिला केंद्रीय बैंकों को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. चूंकि 2023 के ख़रीफ़ सीज़न के लिए फसल ऋण चुकाने की तारीख 31 मार्च, 2024 है. जीआर में कहा गया है कि किसानों की लिखित सहमति से, 2023 खरीफ सीजन के लिए फसल ऋण, आरबीआई मानदंडों के अनुसार तय किए जाने वाले ब्याज के साथ, 17 अक्टूबर, 2018 के निर्देशों के अनुसार पुनर्गठित किया जाएगा.

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15 जिलों के 40 तालुकाओं में सूखा घोषित किया

साल 2018 में, राज्य सरकार ने राजस्व क्षेत्रों को सूखाग्रस्त घोषित करने के मानदंड के रूप में 75 प्रतिशत से कम औसत वर्षा तय की थी. उसके अनुसार पूरे महाराष्ट्र में 358 तहसीलों में से 151 तालुकाओं को सूखा प्रभावित घोषित किया गया. जीआर में कहा गया है कि सभी बैंकों द्वारा 2023 के खरीफ सीजन में फसल ऋण के पुनर्गठन की कार्यवाही 30 अप्रैल, 2024 तक पूरी की जानी चाहिए. प्रभावित किसानों को अगले सीजन के लिए फसल ऋण प्रदान किया जाना चाहिए. 2023 के खरीफ सीजन के दौरान, राजस्व और वन (राहत और पुनर्वास) विभागों ने, जून और सितंबर 2023 के बीच की अवधि के लिए औसत वर्षा के 75 प्रतिशत से कम के समान मानदंड का उपयोग करते हुए, 15 जिलों के 40 तालुकाओं में सूखा घोषित किया. 

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