हरियाणा की मंडियों में खरीफ मार्केटिंग सीजन-2023 के दौरान धान व बाजरे की खरीद जारी है. अब तक प्रदेश में 8.06 लाख मीट्रिक टन धान और 1.14 लाख मीट्रिक टन बाजरे की खरीद की जा चुकी है. इसे बेचने वाले 32 हजार से ज्यादा किसानों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए एमएसपी के तौर पर 690 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जा चुका है. इस साल राज्य सरकार ने फसलों की जल्दी आवक होने को देखते हुए एक अक्टूबर की बजाय सितंबर माह में ही खरीफ फसलों की खरीद शुरू करने का निर्णय लिया था. दावा किया है कि समय से पहले खरीफ फसलों की खरीद शुरू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है.
किसानों की मांग पर 25 सितंबर को धान की खरीद शुरू की गई थी. एमएसपी पर धान खरीदने के लिए सूबे में 231 मंडियां बनाई गई हैं. खरीफ मार्केटिंग सीजन-2023 के दौरान कुल 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है. सरकार को उम्मीद है कि खरीद का टारगेट पूरा होगा. यहां पर तीन एजेंसियां खरीद कर रही हैं. जिनमें खाद्य आपूर्ति विभाग, हैफेड और हरियाणा राज्य भंडारण निगम शामिल हैं.
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एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने 4.83 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा है. हैफेड ने 2.49 लाख मीट्रिक टन की खरीद की है. जबकि हरियाणा राज्य भंडारण निगम की ओर से 74 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है. इस खरीद के बाद 25,815 किसानों को तय समय के अंदर 653.17 करोड़ रुपये की रकम का भुगतान किया गया है. किसानों का सब रिकॉर्ड ऑनलाइन है इसलिए सीधे बैंक अकाउंट में पैसा भेजा जा रहा है.
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में 23 सितंबर से शुरू हुई बाजरे की सरकारी खरीद के लिए प्रदेश में 93 मंडियां बनाई गई हैं. खरीफ मार्केटिंग सीजन-2023 के दौरान भारत सरकार द्वारा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS)के लिए 1.50 लाख मीट्रिक टन तथा पीएम पोषण के लिए 1 लाख मीट्रिक टन बाजरे की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. अभी तक हैफेड द्वारा 1.14 लाख मीट्रिक टन बाजरा खरीदा गया है. एमएसपी के तौर पर 6236 किसानों को 36.82 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है.
हरियाणा में बड़े पैमाने पर मक्का की भी खेती होती है. इसलिए उसकी खरीद के लिए भी इंतजाम किए गए हैं. मक्का की खरीद के लिए भी प्रदेश में 19 मंडियां बनाई गई हैं. किसानों को मंडियों में अपनी उपज बेचने में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए सरकार ने पूरा प्रबंध करने का दावा किया है.
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