कर्नाटक में किसानों को सरकार की तरफ से बड़ी राहत देने का फैसला किया गया है. राज्य के ऊर्जा मंत्री केजे जॉर्ज ने कहा है कि किसानों के आधार नंबर को उनके आईपी सेट आरआर नंबर्स से लिंक किया जाएगा. ऐसा करके सरकार की तरफ से सही रिकॉर्ड रखने की एक प्रक्रिया शुरू की जाएगी, साथ ही साथ इसे फ्री बिजली देने की दिशा में भी एक बड़ा कदम बताया जा रहा है. केजे जॉर्ज ने बेल्लारी में एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही है.
जॉर्ज बेल्लारी में जिला पंचायत हॉल में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे. यहां पर उन्होंने मीडिया से कहा, 'इस पहल का मकसद कर्नाटक में सिंचाई पंप सेट (आईपी सेट) की संख्या और उनकी बिजली जरूरतों के बारे में स्पष्टता हासिल करना है.' उनका कहना था कि वर्तमान समय में कृषि के काम में लगे आईपी पंप सेट जो 10 HP से ज्यादा के हैं, उनकी तरफ से मुफ्त बिजली मुहैया कराई जा रही है. लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि इन पंप सेट्स को असल में कितनी बिजली की जरूरत होती है.
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उनका कहना था कि गैर-कानूनी पंप सेट रेगुलर पंप सेट्स के लिए बिजली की समस्या को और बढ़ा देते हैं. जॉर्ज ने कहा कि आईपी सेट्स के आरआर नंबर को आधार से जोड़ने पर पंप सेटों की सही संख्या और उनकी बिजली की जरूरतों का पता लगाने में मदद मिल सकेगी. इससे पर्याप्त बिजली सप्लाई को भी सुलिश्चित किया जा सकेगा.
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उन्होंने बताया कि राज्य में कई गैर-कानूनी पंप सेट हैं, जिनका प्रयोग कुछ लोग नदियों और नहरों से पानी पंप करने के लिए करते हैं. 10 हॉर्स पावर से ज्यादा की क्षमता वाले अवैध पंप सेट की बिजली सप्लाई बंद कर दी जाएगी. जॉर्ज ने यह भी कहा कि जब तक कि कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाती है 10 हॉर्स पावर तक के पंप सेट के लिए बिजली आपूर्ति जारी रहे. जॉर्ज ने जनता को बिना रुकावट बिजली मुहैया कराने के लिए राज्य प्रतिबद्धता है. उन्होंने कहा कि सूखे के दौरान भी किसानों को बिना लोड शेडिंग के रोजाना सात घंटे बिजली मिलती रही है. जॉर्ज के मुताबिक सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि मांग के अनुसार बिजली उपलब्ध हो. हालांकि कभी-कभी सप्लाई में रुकावट आ जाती है.
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इन मसलों को सुलझाने के लिए और जरूरी बिजली सप्लाई की गारंटी के लिए हर तीन महीने में एक बार जिला स्तरीय बैठकें आयोजित की जाएंगी. के जॉर्ज ने बिजली ट्रांसफार्मर के 500 मीटर के दायरे में स्थित गैर-कानूनी आईपी सेट को नियमित करने की योजना के बारे में बताया. सरकार इस दूरी से अलग पंप सेट के लिए, किसानों को कुसुम बी योजना के तहत सोलर पंप सेट दिए जाएंगे. इसमें केंद्र सरकार से 30 प्रतिशत सब्सिडी और राज्य सरकार से 50 प्रतिशत सब्सिडी शामिल है. इससे किसानों को बाकी 20 प्रतिशत का भुगतान करना होगा.