इस राज्य में गेहूं की फसल में लगा पीला रतुआ रोग, 40 से 50 फीसदी तक उपज हो सकती है प्रभावित

इस राज्य में गेहूं की फसल में लगा पीला रतुआ रोग, 40 से 50 फीसदी तक उपज हो सकती है प्रभावित

कृषि विभाग ऊना के उपनिदेशक कुलभूषण धीमान ने कहा कि करीब तीन सप्ताह पहले शुरुआत में पीला रतुआ के प्रकोप में तेजी देखी गई थी. लेकिन अब स्थिति सामान्य हो गई है. किसानों को पीला रतुआ रोग से निपटने के लिए फफूंदनाशक दवा का छिड़काव करने की सलाह दी गई है.

ऊना जिले में गेहूं की फसल में लगा पीला रतुआ रोग. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 31, 2024,
  • Updated Mar 31, 2024, 1:11 PM IST

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में गेहूं की खड़ी फसल में पीला रतुआ फफूंद रोग का प्रकोप देखने को मिल रहा है. इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. किसानों का कहना है कि अगर समय रहते रोग पर काबू नहीं पाया गया तो फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंच सकता है. दरअसल, ऊना जिले को हिमाचल प्रदेश का 'भोजन का कटोरा' भी कहा जाता है. जिले में लगभग 60,000 हेक्टेयर कृषि भूमि है. रबी मौसम के दौरान किसान सबसे अधिक रकबे में गेहूं की खेती करते हैं.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पीला रतुआ रोग पुकिनिया की कवक प्रजाति के कारण होता है. पिछले एक महीने के दौरान जिले के अधिकांश हिस्सों में बने ठंडे और नम मौसम की स्थिति के कारण यह रोग गेहूं के खेत में पनपा है. इस रोग के लगने से पत्तियां पीले पाउडरयुक्त कवक से ढक जाती हैं. यदि समय रहते फसल का उपचार नहीं किया गया, तो उपज को नुकसान 40 से 50 प्रतिशत तक पहुंच सकता है. इसके अलावा अनाज का उपरी हिस्सा भी काला पड़ सकता है.

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इन दवाओं का करें छिड़काव

कृषि विभाग ऊना के उपनिदेशक कुलभूषण धीमान ने कहा कि करीब तीन सप्ताह पहले शुरुआत में पीला रतुआ के प्रकोप में तेजी देखी गई थी. लेकिन अब स्थिति सामान्य हो गई है. किसानों को पीला रतुआ रोग से निपटने के लिए फफूंदनाशक दवा का छिड़काव करने की सलाह दी गई है. चूंकि यह बीमारी बीजों पर जमा होने वाले बीजाणुओं के माध्यम से अगली पीढ़ी तक पहुंचती है, इसलिए उन बीजों को संग्रहित करना सुरक्षित नहीं है जो पहले पीले रतुआ से संक्रमित हो चुके हैं. जिला कृषि अधिकारी रमेश कुमार ने कहा कि गेहूं की खड़ी फसल को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए खेत से डेटा एकत्र किया जा रहा है.

बारिश से फसल बर्बाद

वहीं, कुछ देर पहले खबर सामने आई थी कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और ऊना जिले में कल रात आई बारिश और आंधी ने भारी तबाही मचाई. कहा जा रहा है कि बारिश की वजह से आलू की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. वहीं, तेज हवा चलने से लगभग कटने के लिए तैयार हो चुकी गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई. किसानों का कहना है कि आंधी वजह से गेहूं की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है. यदि सरकार से मदद नहीं मिली तो वे लागत भी नहीं निकाल पाएंगे. उन्हें बहुत अधिक आर्थिक नुकसान होगा.

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