महंगाई से जल्द मिलेगी राहत, लहसुन की कीमत में गिरावट की बढ़ी उम्मीद, व्यापारियों ने भी दिए संकेत

महंगाई से जल्द मिलेगी राहत, लहसुन की कीमत में गिरावट की बढ़ी उम्मीद, व्यापारियों ने भी दिए संकेत

मध्य प्रदेश के मंदसौर की कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष एसएल शाक्य ने अपनी मंडी में रबी की आवक के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि पुरानी फसल लगभग ख़त्म हो गई है. किसानों ने अपनी रबी फसल को बेचना शुरू कर दिया है. मध्य प्रदेश में स्थित मंदसौर देश की सबसे बड़ी लहसुन मंडी है.

लहसुन की कीमत में आएगी गिरावट. (सांकेतिक फोटो)लहसुन की कीमत में आएगी गिरावट. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 25, 2024,
  • Updated Feb 25, 2024, 3:51 PM IST

महंगाई है कि कम होने का नाम नहीं ले रही है. एक चीज सस्ती होती है, तब तक दूसरी चीज महंगी हो जाती है. लहसुन की बढ़ती कीतम ने आम जनता के किचन का बजट बिगाड़ दिया है. कई शहर में इसका रेट 400 रुपये किलो के पार पहुंच गया है. ऐसे में कई लोगों ने लहसुन खरीदना ही छोड़ दिया है. एक साल पहले फरवरी 2023 को पुणे के थोक बाजार में लहसुन का रेट 10 रुपये किलो के बीच था, जबकि अगस्त में लहसुन की कीमतें 70 रुपये से 160 रुपये किलो के बीच पहुंच गई थीं.

वहीं, नवंबर लहसुन के लिए एक मुश्किल महीना था, क्योंकि कमी के कारण पुणे में कीमतें 80-190 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गईं. इसके बाद कीमतों ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और दिसंबर में पुणे की मंडियों में लहसुन का कारोबार 150-270 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच हुआ. पिछले दो महीनों में 160-350 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत सीमा लगभग स्थिर रही है.

पुणे में लहसुन का भाव

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुणे में दिसंबर-जनवरी के दौरान लहसुन खुदरा कीमतें 500 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थीं और वर्तमान में 350-450 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच हैं. व्यापारियों का कहना है कि अभी मार्केट में लहसुन की किल्लत है. इसकी वजह से रेट ज्यादा है. अगर आवक में सुधार होता है, तो कीमतों में भी गिरावट आएगी. वर्तमान में अधिकांश मेट्रो शहरों में लहसुन की कीमतें 300 रुपये से 400 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच हैं और व्यापारी महीने के अंत तक कीमत में सुधार की बात कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Tractor Loan: सबसे सस्ता ट्रैक्टर लोन कैसे और कहां से लें, कैसे करना होगा अप्लाई

मध्य प्रदेश के मंदसौर की कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष एसएल शाक्य ने अपनी मंडी में रबी की आवक के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि पुरानी फसल लगभग ख़त्म हो गई है. किसानों ने अपनी रबी फसल को बेचना शुरू कर दिया है. मध्य प्रदेश में स्थित मंदसौर देश की सबसे बड़ी लहसुन मंडी है.

लहसुन के रकबे में भारी गिरावट

प्याज के लिए नासिक के लासलगांव के थोक बाजार की तरह, मंदसौर का बाजार भी लहसुन के लिए मूल्य निर्धारित करने वाला है. शाक्य ने कहा कि आवक अच्छी थी, लेकिन मध्य प्रदेश में रबी लहसुन क्षेत्र में गिरावट का संकेत मिलता है. उन्होंने कहा कि हमारी रिपोर्ट इस वर्ष रबी लहसुन की बुआई में 5-10 प्रतिशत की गिरावट का संकेत देती है. ऐसा ज़्यादातर हिस्सों में मिट्टी की नमी कम होने के कारण हुआ है.

लहसुन का हॉलसेल रेट

उन्होंने कहा कि मंदसौर की मंडी में लहसुन की कीमतें लगभग 10,000-30,000 रुपये प्रति क्विंटल हैं. शाक्य ने कहा कि कीमतें थोड़ी कम हुई हैं, क्योंकि दिसंबर-जनवरी में कीमतें 40,000-45,000 रुपये प्रति क्विंटल को पार कर गई थीं. बाज़ार की गतिशीलता, विशेष रूप से आपूर्ति और मांग, कीमतें निर्धारित करेंगी. इस समय मांग आपूर्ति से अधिक है, इसलिए कीमतें ऊंची हैं. देश में सालाना लगभग 2-2.5 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि लहसुन के अंतर्गत आती है, जिसमें मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात उत्पादन के मामले में अग्रणी हैं.

ये भी पढ़ें- Farmers Protest 2024: किसान नेताओं के खिलाफ नहीं लगेगा NSA, सरकार ने वापस लिया फैसला

लहसुन खरीफ और रबी दोनों सीजन में उगाया जाता है. पहले को जून-जुलाई में लगाया जाता है और अक्टूबर-नवंबर में काटा जाता है. रबी की बुआई सितंबर-नवंबर में की जाती है और कटाई फरवरी-मार्च में की जाती है. मंदसौर के व्यापारियों ने कहा कि इस साल मानसून के देर से आने के कारण खरीफ का चक्र गड़बड़ा गया है.

कब सस्ता होगा लहसुन

रबी के मामले में, मिट्टी में नमी की कमी के कारण क्षेत्रफल के साथ-साथ उत्पादन भी कम हो गया था. पुणे के खुदरा बाजारों में, लहसुन लगभग 250-350 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रहा है, जिसे पुणे के मार्केटयार्ड से संचालित करने वाले एक कमीशन एजेंट विलास भुजबल ने कहा कि यह जनवरी में बल्ब की 350-400 रुपये प्रति किलोग्राम कीमत से एक महत्वपूर्ण सुधार है.

 

MORE NEWS

Read more!