Crop Loss: कहीं कम बार‍िश तो कहीं फसलों पर घोघों के प्रकोप से परेशान हैं महाराष्ट्र के क‍िसान

Crop Loss: कहीं कम बार‍िश तो कहीं फसलों पर घोघों के प्रकोप से परेशान हैं महाराष्ट्र के क‍िसान

बीड़ ज‍िले के कई ह‍िस्सों में पिछले साल भी खरीफ सीजन में घोंघों के अटैक से फसलें बड़े पैमाने पर खराब हुई थीं. इस साल भी यही हालात हैं. फसलों को उगते ही खा जा रहे हैं घोंघे. मंत्री के दौरे के बावजूद अब तक आर्थ‍िक मदद देने का नहीं हुआ एलान. 

फसलों पर बढ़ा घोंघे का प्रकोप ( photo kisan tak) फसलों पर बढ़ा घोंघे का प्रकोप ( photo kisan tak)
सर‍िता शर्मा
  • Beed District,
  • Jul 26, 2023,
  • Updated Jul 26, 2023, 4:26 PM IST

महाराष्ट्र में किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है. राज्य में पहले से ही किसान बारिश में हो रही देरी के चलते संकट में हैं, वहीं अब बुवाई हुए कुछ खेतों में जो फसल उगी भी है उसके ऊपर अब घोंघों का प्रकोप देखा जा रहा है. किसानों का कहना है कि पहले राज्य में बार‍िश नहीं रही थी तो अब कुछ हिस्सों में भारी बारिश ने कहर बरपाया है. इस बारिश से बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान हुआ है. उधर, जुलाई खत्म होने को है लेक‍िन बीड़ ज‍िले में अभी तक पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. हालांकि जिले के कुछ जगहों पर बुवाई हो चुकी है, लेकिन अंकुरित सोयाबीन और कपास पर बड़े पैमाने पर कीड़ों और घोंघों का प्रकोप बढ़ रहा है. इसके चलते किसान परेशानी में हैं. जिले के किसानों का कहना है क‍ि पिछले साल भी खरीफ सीजन में घोंघों के अटैक से फसलें बड़े पैमाने पर खराब हुई थीं.  

ज‍िले में घोंघों के अटैक से खराब हो रही फसलों का जायजा लेने खुद राज्य के कृष‍ि मंत्री धनंजय मुंडे पहुंचे थे. क‍िसानों ने उन्हें कुछ खेतों से घोघों को एकत्र करके द‍िखाया भी था. इसके बावजूद राज्य सरकार ने अब तक प्रभाव‍ित क‍िसानों के ल‍िए क‍िसी आर्थ‍िक मदद का एलान नहीं क‍िया है. अब तक कृष‍ि व‍िभाग की ओर से इन क‍िसानों को घोंघे मारने की दवा भी उपलब्ध नहीं करवाई गई है. 

क‍िसान ने बताया अपना दर्द 

जिले के राजुरी गांव में रहने वाले किसान अशोक सुरवसे बताते हैं कि उन्होंने अपने दो एकड़ में कपास की बुवाई की थी, लेकिन फसल अंकुरित उगने से पहले ही बर्बाद हो गई. इसके चलते किसानों को रोज सुबह जल्दी उठकर फसल पर लगे घोंघों वाले पौधों को उखाड़कर फेकना पड़ता है. सुरवसे का कहना है कि पिछले साल भी घोंघे के कारण उनकी दो एकड़ में लगाई गई गाजर की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी. वहीं दूसरे किसान सुनील सुरवसे ने बताया कि पिछले साल उन्होंने दो एकड़ में सोयाबीन लगाया था लेकिन घोंघों के प्रकोप के कारण पूरी मेहनत पर पानी फ‍िर गया. इसलिए इस साल कपास की खेती की लेकिन इस साल भी कपास पर घोंघों का प्रकोप हुआ है.  

किसानों को बारिश का है इंतजार 

बीड जिले के परली और माजलगांव के इलाके में सोयाबीन और कपास की फसलों पर बड़े पैमाने पर घोंघों का प्रकोप देखा रहा है. वही दूसरी और जिले में पिछले दो महीने से पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. इसलिए रिमझिम बारिश ने घोंघों के लिए उपयुक्त वातावरण तैयार कर दिया है. जिले में पहले ही कम बारिश के कारण बुआई में देरी हो चुकी है. इसके चलते कुछ जगहों पर किसानों के सामने एक नई समस्या खड़ी हो गई है. क्योंकि दो बार बुआई के बाद उग आई फसलों को घोंघे अपना शिकार बना रहे हैं. 

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कृषि मंत्री कर चुके हैं ज‍िले का दौरा 

हालांकि पूरे राज्य में बारिश हो रही है, लेकिन मराठवाड़ा के कुछ जिलों में अभी तक अच्छी बारिश नहीं हुई है. कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने कुछ दिन पहले बीड जिले का दौरा किया. उन्होंने जिले के परली तालुका में कुछ खेतों का निरीक्षण करने और घोंघे से प्रभावित खेतों का तुरंत पंचनामा बनाने का आदेश भी दिया है. मुंडे ने किसानों को आश्वासन दिया था की किसानों साथ सरकार खड़ी है. किसानों जल्दी ही नुकसान हुए फसलों का मुआवजा भी दिया जाएगा. लेक‍िन, अब तक सही मायने में क‍िसानों को राहत नहीं म‍िली है.

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