Cyclone Michaung: भारी बारिश से मिर्च की फसल को 20 प्रतिशत तक नुकसान, मार्केट में बढ़ गया 5 रुपये किलो रेट

Cyclone Michaung: भारी बारिश से मिर्च की फसल को 20 प्रतिशत तक नुकसान, मार्केट में बढ़ गया 5 रुपये किलो रेट

हैदराबाद में विजयकृष्ण स्पाइसेस के रविपति पेरैया ने कहा कि आंध्र के कोल्ड स्टोरेज में मिर्च का स्टॉक 40 किलोग्राम के लगभग 35 लाख बैग होने का अनुमान है, जबकि तेलंगाना में स्टॉक लगभग 10 से 12 लाख बैग है. साल 2022-23 के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, भारत में लाल मिर्च का उत्पादन  20.59 लाख टन से अधिक हुआ था.

भारी बारिश से आंध्र प्रदेश में लाल मिर्च की फसल को हुआ नुकसान. (सांकेतिक फोटो)भारी बारिश से आंध्र प्रदेश में लाल मिर्च की फसल को हुआ नुकसान. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 08, 2023,
  • Updated Dec 08, 2023, 10:52 AM IST

चक्रवात मिचौंग ने न सिर्फ तमिलनाडु, बल्कि आंध्र प्रदेश में भी तबाही मचाई है. भारी बारिश के चलते आंध्र प्रदेश के कई इलाकों में फसलों को नुकसान पहुंचा है. लेकिन चक्रवात मिचौंग से लाल मिर्च की फसल कुछ ज्यादा ही प्रभावित हुई है. इससे उत्पादन में गिरावट आ सकती है. साथ ही कहा जा रहा है कि खेत में जलभराव हो जाने के चलते अब मिर्च की कटाई में लगभग एक महीने की देरी होने की संभावना है.

ऑल इंडिया चिली एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संबासिवा राव वेलागापुडी ने कहा कि चक्रवात के प्रभाव के कारण 15 से 20 प्रतिशत तक मिर्च की फसल प्रभावित हो सकती है. उन्होंने कहा कि खास कर बारिश के कारण गुंटूर, ओंगोल, कृष्णा और खम्मम जिले में फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. हालांकि, पड़ोसी राज्य तेलंगाना के कुरनूल और वारंगल जिलों में चक्रवात मिचौंग से फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ है. दरअसल, आंध्र प्रदेश लाल मिर्च का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. इसके बाद तेलंगाना और मध्य प्रदेश का स्थान आता है. 

कीमतों में होगी बढ़ोतरी

हालांकि, संबासिवा राव ने कहा कि नुकसान की मात्रा निर्धारित करना अभी जल्दबाजी होगी. उनके मुताबिक, फसल नुकसान की आकलन रिपोर्ट आने में कम से कम 15 से 20 दिन लग जाएंगे. वहीं, बारिश की वजह से मिर्च की कीमतों में भी उछाल दर्ज की गई है. बुधवार को गुंटूर और खम्मम जिले की मंडियों में लाल मिर्च की कीमतों में 5 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ोतरी दर्ज की गई. राव ने कहा कि हमें उम्मीद है कि कीमतें 10 रुपये और बढ़ेंगी.

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फसल की कटाई जनवरी से होगी

हैदराबाद में विजयकृष्ण स्पाइसेस के रविपति पेरैया ने कहा कि चक्रवाती बारिश आंध्र प्रदेश के किसानों के लिए फायदेमंद भी साबित होगी. जिन जिलों में किसान सिंचाई के अभाव में अभी तक मिर्च की बुवाई नहीं कर पाए थे, वे चक्रवाती बारिश के बाद मिर्च की रोपाई शुरू कर सकते हैं. उनका कहता है कि चक्रवाती बारिश से सिर्फ उन फसलों को 10 से 20 प्रतिशत तक नुकसान पहुंच सकता है, जिनकी बुवाई समय पर की गई थी और अब वे फूल और फल बनने के चरण में हैं. पेरैया ने कहा कि प्रमुख उत्पादक जिलों में मिर्च की फसल की कटाई फरवरी के अंत में शुरू होगी. कुरनूल और अनंतपुर जैसे जिलों में, जहां फसल समय पर लगाई गई थी, कटाई जनवरी से होगी.

मिर्च का उत्पादन 1.67 लाख टन अनुमानित है

हैदराबाद में विजयकृष्ण स्पाइसेस के रविपति पेरैया ने कहा कि आंध्र के कोल्ड स्टोरेज में मिर्च का स्टॉक 40 किलोग्राम के लगभग 35 लाख बैग होने का अनुमान है, जबकि तेलंगाना में स्टॉक लगभग 10 से 12 लाख बैग है. साल 2022- 23 के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, भारत में लाल मिर्च का उत्पादन  20.59 लाख टन से अधिक हुआ था. वहीं, आंध्र प्रदेश 7.67 लाख टन उत्पादन के साथ शीर्ष पर है. इसके बाद तेलंगाना 5.06 लाख टन और मध्य प्रदेश 3.22 लाख टन के साथ क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर है. जबकि, कर्नाटक में लाल मिर्च का उत्पादन 1.67 लाख टन अनुमानित है.

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