बिहार-यूपी के किसान स्वर्णा सब-1 धान की करें खेती, बाढ़-बारिश से भी फसल नहीं होगी बर्बाद

बिहार-यूपी के किसान स्वर्णा सब-1 धान की करें खेती, बाढ़-बारिश से भी फसल नहीं होगी बर्बाद

इस किस्म की सीधी बुआई करने का सही समय जून महीना है. अगर किसान चाहें तो जून के पहले सप्ताह में पारंपरिक तरीके से भी बुआई कर सकते हैं. सीधी बुआई के लिए 60 से 70 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर एवं रोपाई के लिए 25 से 30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर जरूरत पड़ती है.

स्वर्णा सब-1 धान की खेती करने के फायदे. (सांकेतिक फोटो)स्वर्णा सब-1 धान की खेती करने के फायदे. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 14, 2024,
  • Updated May 14, 2024, 4:25 PM IST

भारत एक कृषि प्रधान देश है. 75 फीसदी से अधिक आबादी की आजीविका कृषि पर निर्भर है. बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, उडिशा, असम, छत्तीसगढ़ और पूर्वी उत्तर प्रदेश में किसान बड़े स्तर पर धान की खेती करते हैं, लेकिन इन राज्यों में हर साल बाढ़ आने से लाखों हेक्टेयर में लगी धान की फसल बर्बाद हो जाती है. इससे किसानों को बहुत अधिक आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. लेकिन किसानों को अब चिंता करने की जरूरत नहीं है. वे नीचे बताए गए बाढ़ प्रतिरोधी धान की किस्म की बुवाई कर फसल को बर्बाद होने से बचा सकते हैं.

दरअसल, भारत के कई राज्यों में अधिक बारिश होने या बाढ़ आने से खेतों में जरूरत से ज्यादा पानी का जमाव हो जाता है. ऐसे में पानी में अधिक समय तक डूबे रहने की वजह से धान की फसल खराब हो जाती है. इसलिए किसानों को बुवाई करने से पहले जलवायु के अनुसार ही धान की उन्नत किस्मों का चयन करना करना चाहिए. जिन राज्यों में अधिक बारिश होती है, वहां के किसान बाढ़ प्रतिरोधी किस्म स्वर्णा सब-1 का चयन कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- नरेंद्र मोदी ने किया वाराणसी से तीसरी बार किया नामांकन, कई केंद्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री रहे मौजूद

स्वर्णा सब-1 धान की खासियत

कृषि एक्सपर्ट के मुताबिक, स्वर्णा सब-1 धान की एक बेहतरीन किस्म है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह बाढ़ प्रतिरोधी है. इस किस्म के धान के पौधे 12 से 14 दिन तक पानी में डूबे रह सकते हैं. इसके बावजूद भी खराब नहीं होते हैं. हालांकि, 10 दिन तक लागातार पानी में डूबे रहने के बाद इसकी पत्तियां थोड़ी बहुत मुरझा जाती हैं. फिर भी फसल को नुकसान नहीं पहुंचता है. ऐसे में धान की यह किस्म बाढ़ संभावित और निचले क्षेत्रों के लिए उपयोगी है.

कितनी होगी पैदावार

स्वर्णा सब-1 की सबसे बड़ी खासियत है कि यह धान की एक अर्ध बोनी किस्म है. इसके पौधों की लंबाई 105 से 110 सेमी तक होती है. स्वर्णा सब-1 धान की फसल सीधी बुआई करने पर 140 दिनों में ही फसल तैयार हो जाती है. यानी आप इसकी कटाई कर सकते हैं. वहीं रोपाई करने पर फसल को पकने में 145 दिन लगते हैं. इसके चावल दाना मध्यम पतला होता है. इससे 66.5 प्रतिशत अविभाजित चावल यानि हेड राइस मिलता है. साथ ही स्वर्णा सब- 1 की पैदावार 4.5 से 5.5 टन प्रति हेक्टेयर है. यदि यह किस्म बाढ़ या जलभरवा की चपेट में आती है, इसके बावजूद भी पैदावार 3 से 4 टन प्रति हेक्टेयर तक होती है.

ये भी पढ़ें-  Potato Price: गर्मी में आलू की खपत बढ़ने से कीमतों में उछाल ने परेशानी बढ़ाई, आगे भी महंगाई बनी रहने का अनुमान

 

MORE NEWS

Read more!