बिहार के कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा है कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से जलवायु की स्थितियों में लगातार बदलाव हो रहा है. इसका सबसे ज्यादा बुरा असर खेती पर पड़ रहा है. इस साल सामान्य बारिश के पूर्वानुमान के बावजूद पर्याप्त मात्रा में वर्षा नहीं हो रही है. इसके कारण सुखे की जैसी परिस्थिति पैदा हो गई है. इससे किसानों के सामने समस्या पैदा हो रही है. अभी तक सामान्य तौर पर 462.9 मिली मीटर वर्षा होनी चाहिए थी, लेकिन सिर्फ 314.3 मिली मीटर ही वर्षा हो पाई है जो सामान्य से 32 प्रतिशत कम है. इसका नतीजा है कि धान की रोपनी और बाकी फसलों के आच्छादन (कवर) पर असर पड़ा है. इस साल धान का आच्छादन 36,60,973 हेक्टेयर में किया जाना है लेकिन अभी तक 17,03,802 हेक्टेयर धान की रोपनी हुई है.
इसी तरह से इस साल मक्का का आच्छादन लक्ष्य 2,93,887 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है. जबकि अभी तक 1,92,018 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का की बुआई हुई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 25 जुलाई गुरुवार को इसकी समीक्षा की है. इस स्थिति से निपटने के लिए और किसानों को सिंचाई सुविधा मुहैया कराने के लिए डीजल अनुदान योजना को क्रियान्वित करने का निर्णय लिया गया. इस सिलसिले में कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि इस स्थिति में लगे हुए धान के बिचड़ों और रोपे गये धान और मक्का जैसी फसल को सूखने से बचाने के साथ ही खाली पड़े खेतों में धान की रोपनी हो पाये, इसके लिए सरकार ने डीजल सब्सिडी देने का फैसला लिया है. किसानों को 26 जुलाई 2024 से पोर्टल पर डीजल सब्सिडी के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
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मंगल पाण्डेय ने आगे बताया कि खरीफ फसलों की सिंचाई डीजल पम्पसेट से करने के लिए खरीदे गये डीजल पर 75 रुपये प्रति लीटर की दर से 750 रुपये प्रति एकड़ की सब्सिडी हर सिंचाई के लिए दी जाएगी. धान का बिचड़ा और जूट फसल की अधिकतम 2 सिंचाई के लिए 1,500 रुपये प्रति एकड़ मिलेगा. जबकि खड़ी फसल में धान, मक्का और बाकी खरीफ फसलों के तहत दलहनी, तिलहन, मौसमी सब्जी, औषधीय और सुगंधित पौधे की अधिकतम 3 सिंचाई के लिए 2,250 रुपये प्रति एकड़ की सब्सिडी की मिलेगी. यह सब्सिडी हर किसान को अधिकतम 8 एकड़ सिंचाई के लिए मिलेगी.
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डीजल सब्सिडी की राशि किसान के आधार से जुड़े बैंक अकाउंट में डायरेक्ट ट्रांसफर कर दी जाएगी. जिलों में डीजल सब्सिडी की जरूरत का आकलन वहां जिला पदाधिकारी की तरफ से कृषि टास्क फोर्स की मीटिंग के बाद लिया जाएगा. इसके बाद ही वितरण पर कोई फैसला होगा. राज्य के किसान 26 जुलाई से 30 अक्टूबर 2024 तक खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए डीजल पर सब्सिडी का फायदा उठा सकते हैं.
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मंगल पाण्डेय ने बताया कि डीजल सब्सिडी योजना की रेगुलर मॉनिटरिंग विभाग के क्षेत्रीय पदाधिकारियों और जिला अधिकारियों की तरफ से की जाएगी. जिला अधिकारी हर हफ्ते आयोजित होने वाली कृषि टास्क फोर्स की मीटिंग में समीक्षा करेंगे. किसानों को बीचड़ा बचाने और देर से रोपी गई फसल के प्रबंधन के लिए कई प्रचार-प्रसार के जरिये से एडवायजरी जारी की जाएगी. वहीं राज्य सरकार की तरफ से डेडिकेटेड एग्रीकल्चर फीडर के जरिये 14 घंटे बिना रुकावट बिजली सप्लाई की सुविधा राज्य सरकार की तरफ से मुहैया कराने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हर सुख-दुःख में पूरी दृढ़ता से उनके साथ खड़ी है और उन्हें हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के प्रयास जारी हैं. किसी भी परिस्थति में किसानों को परेशान नहीं होने दिया जायेगा.
(पटना से अंकित सिंह की रिपोर्ट)