केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए अरहर और उड़द की स्टॉक सीमा को 30 अक्टूबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2023 तक कर दिया है. आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत स्टॉक लिमिट लगाई गई है. कुछ स्टॉक रखने वाले संस्थाओं के लिए स्टॉक सीमा को भी संशोधित किया है, ताकि दाम बढ़ाने वाले व्यापारियों पर नकेल कसी जा सके. उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से जारी एक नोटिफिकेशन के अनुसार, गोदाम में थोक विक्रेताओं और बड़ी संख्या में खुदरा विक्रेताओं के पास स्टॉक सीमा को 200 मीट्रिक टन से घटाकर 50 मीट्रिक टन कर दिया गया है. चक्की के लिए स्टॉक सीमा को पिछले 3 महीने के उत्पादन या वार्षिक क्षमता से 25 प्रतिशत की कटौती की गई है. केंद्र ने यह फैसला दालों की बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए लिया है.
खुदरा विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा में 75 फीसदी कटौती इसलिए करनी पड़ी क्योंकि तमाम प्रयासों के बाद भी दालों की कीमतों में नरमी नहीं देखी गई है. भारत में तूर यानी अरहर दाल की मांग और खपत में करीब 11 लाख मीट्रिक टन का अंतर है. अरहर दाल की सालाना खपत 45 लाख टन है, जबकि उत्पादन 34 लाख टन ही रह गया है. ऐसे में इसकी महंगाई सरकार के लिए चिंता का सबब बनी हुई है. चुनावी माहौल शुरू हो रहा है. ऐसे में सरकार महंगाई का रिस्क मोल नहीं लेना चाहती. पिछले सप्ताह ही गेहूं की स्टॉक लिमिट भी घटा दी गई थी.
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उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा है कि स्टॉक सीमा में संशोधन और समय अवधि का विस्तार जमाखोरी को रोकने और बाजार में पर्याप्त मात्रा में अरहर और उड़द दालों की उपलब्धता करना है. ताकि उपभोक्ताओं के लिए सस्ती कीमतों पर अरहर दाल और उड़द दाल उपलब्ध हो. नए आदेश के अनुसार, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 31 दिसंबर, 2023 तक अरहर और उड़द दालों के लिए स्टॉक सीमा निर्धारित की गई है.
थोक विक्रेताओं के लिए प्रत्येक दाल पर व्यक्तिगत रूप से लागू स्टॉक सीमा 50 मीट्रिक टन है. खुदरा विक्रेताओं के लिए 5 मीट्रिक टन, प्रत्येक खुदरा आउटलेट पर 5 मीट्रिक टन, खुदरा विक्रेताओं के लिए डिपो में 50 मीट्रिक टन, चक्की के लिए उत्पादन के अंतिम 1 महीने या वार्षिक स्थापित क्षमता का 10 फीसदी, जो भी ज्यादा हो. आयातकों के लिए, आयातकों को सीमा शुल्क निकासी के दिन से 30 दिनों से ज्यादा आयातित स्टॉक नहीं रखना है.
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संबंधित संस्थाओं को उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल (https://fcainfoweb.nic.in/psp) पर स्टॉक की स्थिति घोषित करनी पड़ेगी. अगर उनके पास स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक पाया जाता है तो वे अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के अंदर इसे निर्धारित स्टॉक सीमा तक लेकर लाएंगे. अज्ञात स्टॉक को जमाखोरी मानकर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत उचित कार्रवाई शुरू की जाएगी.
इससे पहले सरकार ने 02 जनवरी, 2023 को तुअर और उड़द दालों के लिए स्टॉक सीमा की अधिसूचना जारी की थी, ताकि जमाखोरी और बेईमान सट्टेबाजी को रोका जा सके. उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिल सके. उपभोक्ता मामले विभाग स्टॉक डिस्क्लोजर पोर्टल के माध्यम से अरहर और उड़द दालों के स्टॉक की स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है, जिसकी राज्य सरकारों के साथ साप्ताहिक आधार पर समीक्षा की जा रही है.