Uttar Pradesh News: ऑस्ट्रेलिया, कृषि व संबद्ध क्षेत्रों के विकास में उत्तर प्रदेश सरकार का सहभागी बनेगा. बुधवार को ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ओएएम ने कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही से लखनऊ स्थित उनके आवास पर शिष्टाचार भेंट के दौरान कृषि के क्षेत्र में यूपी के साथ मिलकर कार्य करने की इच्छा जताई. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद ऑस्ट्रेलिया से कृषि विशेषज्ञों की टीम उत्तर प्रदेश आकर इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेगी. दुग्ध विकास व कृषि क्षेत्र में माइक्रो इरीगेशन, उत्पादन और तकनीकी हस्तांतरण के लिए एमओयू (MOU) भी करेगी. उच्चायुक्त ने यूपी में आस्ट्रेलिया के कृषि विश्वविद्यालय की शाखा खोलने की भी इच्छा जताई.
इस दौरान कृषि मंत्री द्वारा ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त एवं उनकी टीम को बताया गया कि उत्तर प्रदेश में 5 कृषि विश्वविद्यालय एवं 89 किसान विज्ञान केन्द्र स्थापित हैं. कृषि विश्वविद्यालयों में कृषि शिक्षा के साथ-साथ शोध एवं प्रचार आदि का कार्य भी तकनीकी हस्तनान्तरण के माध्यम से किया जाता है. कृषि शिक्षा में सुधार लाने हेतु उच्चायुक्त ऑस्ट्रेलिया द्वारा बताया गया कि उनका देश उत्तर प्रदेश में ऑस्ट्रेलिया के कृषि विश्वविद्यालय की ब्रांच खोलने की इच्छुक हैं जिसमें भारतीय छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में अत्याधिक ध्यान दिया गया है तथा ई-गर्वेनेन्स के माध्यम से विभिन्न योजनाओं को किसानों तक पहुंचा रहे है.
उच्चायुक्त ऑस्ट्रेलिया द्वारा यह भी बताया गया कि उनके देश में दुग्ध उत्पादन का औसत 20ली प्रति गाय प्रतिदिन है तथा आस्ट्रेलिया में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र मे उच्च तकनीकी उपलब्ध है इसके लिए भी आस्ट्रेलिया उत्तर प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने की तकनीकी हस्तनान्तरण के लिए इच्छुक है. उनके द्वारा मल्टी फार्मिंग को बढ़ाने, उद्यान के अन्तर्गत फूल, सब्जी के उत्पादन में सहयोग किये जाने हेतु इच्छुक है. अंत में उच्चायुक्त आस्ट्रेलिया द्वारा बताया गया कि जल्दी ही एक आस्ट्रेलिया कृषि सम्बन्धी एक्सपर्ट टीम भारत आकर विस्तार से चर्चा करेगी तथा दुग्ध विकास एवं कृषि के क्षेत्र में यथाशीघ्र एमओयू किया जायेगा ताकि उत्तर प्रदेश के किसानों को इसका पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके.
कृषि विभाग केअपर मुख्य सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि प्रदेश में ऑनलाइन व्यवस्था के तहत किसानों को डीबीटी के माध्यम से पूरी पारदर्शिता से अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है. दलहन, तिलहन एवं मिलेट के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
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