Onion Price: किसान ने 443 किलो प्याज बेचा, 565 रुपये घर से लगाने पड़े, न‍िर्यात बंदी ने क‍िया बेहाल 

Onion Price: किसान ने 443 किलो प्याज बेचा, 565 रुपये घर से लगाने पड़े, न‍िर्यात बंदी ने क‍िया बेहाल 

आम तौर पर होता यूं है कि किसान अपनी फसल को लेकर मंडी में जाता है और उसे बेचने के बाद उसे पैसे मिलते हैं. लेक‍िन सरकार ने अब ऐसे हालात पैदा कर द‍िए हैं क‍ि क‍िसान को अपने घर से पैसे देने पड़े. बीड़ ज‍िले के क‍िसान के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है. प‍िछले साल भी ऐसे हालात सामने आए थे.     

Farmer got price of onion only Rs 1 per kgFarmer got price of onion only Rs 1 per kg
सर‍िता शर्मा
  • Solapur,
  • Dec 29, 2023,
  • Updated Dec 29, 2023, 4:16 PM IST

एक्सपोर्ट बैन होने के बाद प्याज की खेती करने वाले क‍िसानों की परेशानी काफी बढ़ गई है. कुछ क‍िसान एक रुपये क‍िलो भी प्याज बेचने के ल‍िए मजबूर हो गए हैं. यही नहीं महाराष्ट्र से एक ऐसा मामला सामने आया है ज‍िसमें 443 क‍िलो प्याज बेचने के बाद एक क‍िसान को 565 रुपये अपने घर से लगाने पड़े. मालभाड़ा और मंडी खर्च इतना हो गया क‍ि उसे घर से पैसे लगाने पड़े.श्रीराम श‍िंदे नाम का यह क‍िसान महाराष्ट्र के कृष‍ि मंत्री धनंजय मुंडे के गृह जिले बीड के नेकनूर गांव का रहने वाला है, जो बीते 20 दिसंबर को सोलापुर की मंडी में प्याज बेचने गया था. जब व्यापारियों ने प्याज खरीदने का दाम 1 रुपये क‍िलो बोला तो यह सुनकर उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई. लेक‍िन, वो प्याज लेकर मंडी में पहुंच चुका था इसल‍िए उसे बेचना पड़ा.  

श्रीराम श‍िंदे के बेटे वैभव श‍िंदे ने बताया क‍ि उनके पास कुल 7 एकड़ जमीन है. इसमें से दो एकड़ जमीन पर प्याज की खेती की थी. प्रति एकड़ 70 हजार रुपये का खर्च आया था. वैभव शिंदे को उम्मीद थी अच्छी पैदावार होगी और अच्छा दाम म‍िलेगा ज‍िससे आर्थ‍िक हालात सुधरेंगे. लेकिन जब वो प्याज बेचने के लिए मंडी पहुंचे तो व्यापारियों ने उनके प्याज का दाम कौड़ियों के भाव से लगाया. शिंदे को प्याज को प्रति किलो प्याज का दाम एक रुपए मिला. इतना ही नहीं उन्हें 565 रुपये अपनी जेब से व्यापारी को देना पड़ा है. प्याज का उचित दाम न मिलने पर गुस्से में आकर वैभव ने बचे हुए प्याज को खेत में ही फेंक दिया. 

सरकार की नीत‍ियों से बदतर हुए हालात 

केंद्र सरकार ने महंगाई कम करने के ल‍िए बीते सात द‍िसंबर को प्याज के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी. इस बीच खरीफ सीजन का प्याज भी मंड‍ियों में आने लगा. ज‍िसकी वजह से आवक काफी बढ़ गई और इसके कारण दाम काफी घट गया. क‍िसानों को एक से लेकर 10 रुपये तक का भाव म‍िल रहा है. सोलापुर की मंडी का भाव सबको चौंका रहा है. आम तौर पर होता यूं है कि किसान अपनी फसल को लेकर मंडी में जाता है और उसे बेचने के बाद उसे पैसे मिलते हैं. लेक‍िन सरकार ने अब ऐसे हालात पैदा कर द‍िए हैं क‍ि क‍िसान को अपने घर से पैसे देने पड़े. प‍िछले साल भी ऐसे हालात सामने आए थे. 

किसान द्वारा बेचे गए प्याज का बिल

निर्यात बंदी की वजह से घटे दाम 

दाम गिरने से प्याज के किसान अब अपनी लागत भी नहीं निकल पा रहे हैं. कीमतों में गिरावट आने से मंडी में किसानों को एक रुपए प्रति किलो का भाव मिल रहा है. प्याज के घटते दाम की वजह से प्याज उत्पादक किसान सरकार पर हमलावर हो गए हैं. महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत द‍िघोले का कहना है क‍ि निर्यात बंदी से किसानों की यह हालात हुई है क‍ि उन्हें अपनी जेब से पैसा लगाना पड़ रहा है. भाड़ा भी नहीं न‍िकल पा रहा है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय किसान प्याज की खेती ही करना बंद कर देंगे. ज‍िसका खाम‍ियाजा क्या होगा सब लोग जानते हैं. 

प्याज की खेती नहीं करेंगे क‍िसान 

द‍िघोले का कहना है क‍ि राज्य के क‍िसान पहले सूखे से परेशान थे. फिर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी. प्याज से कुछ मुनाफा कमाने का वक़्त था तो केंद्र सरकार ने निर्यात पर ही रोक लगा दी. मौजूद समय में पुराने प्याज के इतने स्टॉक हैं कि पूरे देश भर में इसकी आसानी से सप्लाई की जा सकती है, फ‍िर सरकार ने न‍िर्यात बंदी की. सरकार को प्याज क‍िसानों की कोई च‍िंता नहीं है. उसे बस ये च‍िंता है क‍ि उपभोक्ताओं को सस्ता से सस्ता प्याज म‍िले. अब हालात ऐसे हो गए हैं क‍ि प्याज की खेती करने वाले किसान सही दाम नहीं मिलने पर अपनी फसल को सड़कों पर फेंक रहे हैं. सरकार प्याज की लागत के अनुसार मुनाफा तय करके न्यूनतम दाम तय करे वरना क‍िसान अब प्याज की खेती नहीं करेंगे.

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