केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में हालिया बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए राहत उपायों की घोषणा की है. केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरएस पुरा के बडयाल ब्राह्मणा गांव में किसानों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार मिलकर किसानों को इस आपदा से उबारने का हरसंभव प्रयास करेंगी. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि गृह मंत्रालय, जल शक्ति, ग्रामीण विकास और कृषि मंत्रालय की टीमें पहले ही सर्वे कर चुकी हैं और नुकसान का आकलन किया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर सरकार का ज्ञापन मिलने के बाद केंद्र सरकार राहत देने में कोई कमी नहीं छोड़ेगी.
उन्होंने कहा कि इस आपदा में राजनीति नहीं होनी चाहिए, गरीब किसानों को संकट से उबारना ही पहली प्राथमिकता है. खेतों में बाढ़ से आई रेत किसानों की ही संपत्ति होगी, इस पर खनन नियम लागू नहीं होंगे. किसान चाहें तो इसे बेच सकते हैं, इसके लिए स्पष्ट व्यवस्था की जाएगी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के प्रावधान लागू होंगे. इसमें जीवन हानि पर चार लाख रुपये, दिव्यांगता पर 74 हजार रुपये, खेत से सिल्ट हटाने पर 18 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर और भूस्खलन से नुकसान पर छोटे किसानों को 47 हजार रुपये मिलेंगे.
उन्हाेंने आगे कहा कि बाढ़ में मिर्च, धान जैसी फसलों को भारी नुकसान हुआ है. जिन किसानों ने फसल बीमा कराया है, उन्हें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पूरा मुआवजा मिलेगा. सब्जियों और बागवानी फसलों पर 17 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर और एग्रोफॉरेस्ट्री पर 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की मदद जम्मू-कश्मीर सरकार देगी.
पशुधन क्षति पर 37,500 रुपये दुग्ध पशु के लिए, 32,000 रुपये घोड़े व बैल के लिए और 20,000 रुपये बछड़े, टट्टू और खच्चरों के लिए दिए जाएंगे. साथ ही, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पूरी तरह तबाह घरों के लिए 1.30 लाख रुपये, शौचालय के लिए अलग धनराशि और मनरेगा मजदूरी के रूप में 40 हजार रुपये मिलेंगे. मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 5,101 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और वे लौटकर इनके लिए तुरंत सहायता स्वीकृत करेंगे.
महिला स्व-सहायता समूहों के नुकसान की भरपाई के लिए 76 हजार रुपये जारी किए जाएंगे. राज्य सरकार को नहरों और तटबंधों के मरम्मत कार्य के लिए भी केंद्र से सहयोग मिलेगा. सड़कों की मरम्मत पर राज्य सरकार का प्रस्ताव आने पर कार्रवाई की जाएगी. आपदा को देखते हुए मनरेगा में 100 दिन की जगह 150 दिन का रोजगार देने का भी प्रस्ताव रखा जाएगा.
मंत्री ने यह भी कहा कि सीमा पर रहने वाले कई किसानों के पास भूमि स्वामित्व अधिकार नहीं हैं. अगर राज्य सरकार प्रमाणित करती है तो उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ मिलेगा. जम्मू-कश्मीर के किसानों के खातों में पीएम किसान सम्मान निधि की एक किस्त तुरंत भेजी जाएगी.