महाराष्ट्र के अकोला जिले में तेज बारिश के चलते फसलों की भारी बर्बादी हुई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त और सितंबर महीने में इस जिले में भारी बारिश से 57 हजार हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हुई हैं. फसल बर्बादी की रिपोर्ट को जिला प्रशासन ने डिविजनल कमिश्नर के पास जमा कराया है. रिपोर्ट में लिखा गया है कि अकोला जिले के अलग-अलग इलाकों में कुल 57 हजार 758 हेक्टेयर में भारी बारिश से कई फसलें नष्ट हुई हैं. इसके बाद सरकार की ओर से पीड़ित किसानों के लिए 79 करोड़ 44 लाख 35 हजार 908 रुपये रिलीफ फंड के नाम पर जारी किए गए हैं.
स्टेट रेवेन्यू मिनिस्टर और डिस्ट्रिक्टर गार्डियन मिनिस्टर राधाकृष्ण विखे पाटिल ने अभी हाल में निर्देश दिया था कि अकोला जिले में भारी बारिश से हुए फसलों के नुकसान की रिपोर्ट जमा कराई जाए. अकोला के कलेक्टर अजीत कुम्हार ने रेवेन्यू और कृषि अधिकारियों को निर्देश दिया है कि फसल नुकसान का डिटेल्ड पंचनामा तैयार किया जाए और हर एक नुकसान की रिपोर्ट सावधानी के साथ और समय पर बनाई जाए.
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कलेक्टर ने समय-समय पर अलग-अलग स्थानों पर फसल नुकसान का जायजा लिया. उनके निर्देश पर रेवेन्यू, कृषि, ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पंचनामे का काम पूरा किया. इस रिपोर्ट को संबंधित विभाग को सौंप दिया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि अकोला जिले में भारी बारिश से 349 गांवों के 57 हजार से अधिक किसानों के 57 हजार 758.5 हेक्टेयर में अलग-अलग फसलें बर्बाद हो गई हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, 22 गांवों में 159.6 हेक्टेयर बागवानी क्षेत्र प्रभावित है. फल फसलों को छोड़कर अन्य सभी फसलें प्रभावित हैं, जिनके लिए 43 लाख 9 हजार 200 रुपये की धनराशि दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया है. 30 गांवों में 226.58 हेक्टेयर फल फसलें प्रभावित हैं, जिनके लिए 81 लाख 56 हजार 880 रुपये बांटे जाने का प्रस्ताव है. इसी तरह 70 गांवों में 387.79 हेक्टेयर भूमि भारी बारिश के कारण बह गई है, जिसके लिए 69 लाख 80 हजार 220 रुपये की धनराशि प्रस्तावित है. बता दें कि राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र में भी इस मॉनसून सीजन में भारी बारिश के चलते लाखों हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुंचा है. अकेले हिंगोली में 2 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है.