Jharkhand Vegetable Farming: किसानों को एक रुपये किलो में बेचनी पड़ रही है सब्जी, ये है वजह

Jharkhand Vegetable Farming: किसानों को एक रुपये किलो में बेचनी पड़ रही है सब्जी, ये है वजह

झारखंड में सब्जी का बंपर उत्पादन किसानों के लिए समस्या बन गया है. मंडी में सब्जी की आवक इतनी ज्यादा है कि किसानों को सब्जी की फसल का सही दाम नहीं मिल रहा है. मजबूरी में किसान अपनी फसल मवेशियों को खिला रहे हैं.

अपने खेत में छोड़ी गई पत्ता गोभी दिखाता किसान           फोटोः किसान तकअपने खेत में छोड़ी गई पत्ता गोभी दिखाता किसान फोटोः किसान तक
पवन कुमार
  • Ranchi,
  • Feb 12, 2023,
  • Updated Feb 12, 2023, 4:19 PM IST

झारखंड में किसान इन दिनों काफी परेशान हैं. हालांकि इस बार फसल अच्छी हुई है पर इसके बावजूद उनके चेहरे पर परेशानी है. इसके पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि किसानों को बाजार या स्थानीय सब्जी मंडियों में सब्जियों के जो दाम मिल रहे हैं वो नाकाफी हैं. यही कारण है कि किसानों में असतुंष्टि है और सब्जी की खेती अब नहीं करने की बात कर रहे हैं. राजधानी रांची के आसपास की मंडियों और साप्ताहिक बाजारों की बात करें तो फूलगोभी, पत्तागोभी और टमाटर की हालत सबसे खराब है. मटर और बीन्स की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है पर संतोषजनक है. 

रांची के बेड़ो बाजार के सब्जी व्यापारी रवि प्रसाद गुप्ता ने बताया इस वक्त किसानों की स्थिति बेहद खराब है. खास कर फूलगोभी पत्ता गोभी और टमाटर की आवक अधिक है इसके कारण किसानों को इसके दाम नहीं मिल रहे हैं. हालत यह है कि किसानों को अपनी सब्जी को बाजार तक लाने का किराया तक नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने बताया कि कई किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने खेत में तैयार सब्जियों को तोड़ा ही नहीं क्योंकि उन्हें बेचकर इसके दाम भी नहीं मिलते.

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मजबूरी में बेच रहे सब्जी

मांडर प्रखंड के टमाटर किसान मुकेश साहू ने बताया कि इस बार ब्राम्बे बाजार में उन्हें टमाटर के दाम बिल्कुल नहीं मिल रहे थे. खेत में  टमाटर पक कर तैयार था उसे तोड़कर मजबूरी में बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, इसके कारण बाजार ले जाकर 4 रुपये किलो की दर से बेच दिया, इसमें उन्हें फायदा नहीं हुआ. वहीं सेवाडीह गांव के किसान धनेश्वर गोप ने बताया कि बाजार में एक रुपए प्रतिकिलो की दर से उन्हें फूलगोभी बेचनी पड़ी है, इसलिए अब वो फूलगोभी को मवेशियों को खिला रहे हैं. जबकि एक फूलगोभी को उगाने में कम से कम पांच रुपये की लागत आती है. 

यह है अधिक उत्पादन की वजह

बुढ़मू प्रखंड के ठाकुरगांव के राजेश कुमार कुशवाहा ने बताया कि दाम नहीं मिलने के कारण उन्होंने अपने खेत में तैयार पत्तागोभी के ऊपर ट्रैक्टर चला दिया. इतना ही नहीं  खेत में पड़ी बाकी पत्तागोभी को जानवरों को खिलाने के  लिए पड़ोसियों को बांट दिया. उन्होंने कहा कि इस बार  सर्दियों के  मौसम में बारिश नहीं हुई इसके कारण सब्जियों को नुकसान नहीं हुआ. सब्जियों की पैदावार तो अच्छी हुई पर अधिक आवक के कारण उन्हें अब दाम नहीं मिल रहे है इसलिए ये नौबत आ गई है. किसानों के पास कम दाम में सब्जी बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. 

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