Ambala News: गेहूं भीगने से नाराज आढ़ती, कहा- नुकसान की भरपाई करें खरीद एजेंसियां

Ambala News: गेहूं भीगने से नाराज आढ़ती, कहा- नुकसान की भरपाई करें खरीद एजेंसियां

गेहूं भीगने से परेशान केवल किसान ही नहीं हैं बल्कि आढ़तिये भी नाराज हैं. गेहूं बोरियों में भरने के बाद आढ़तियों की जिम्मेदारी होती है. इसलिए बोरियों में भीगा गेहूं आढ़तियों का नुकसान है. आढ़तियों का कहना है कि खरीद एजेंसियों की लापरवाही से गेहूं भीग गया है, इसलिए एजेंसियों को भरपाई करनी चाहिए.

अंबाला मंडी में गेहूं भीगने से नाराज आढ़तियेअंबाला मंडी में गेहूं भीगने से नाराज आढ़तिये
कमलप्रीत सभरवाल
  • Ambala,
  • May 03, 2023,
  • Updated May 03, 2023, 6:30 PM IST

अंबाला में लगातार हो रही बेमौसमी बरसात ने किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है. रही-सही कसर गेहूं मंडी में पहुंचने के बाद और सरकारी एजेंसियों के धीमे उठान ने पूरी कर दी है. मंडियों में पहुंचा गेहूं मंगलवार से हो रही बरसात में पूरी तरह से भीग गया है. इससे आढ़तियों को भारी नुकसान हो रहा है. आढ़तियों ने एजेंसियों पर आरोप लगाया गया है कि मंडियो में गेहूं भरा पड़ा है, लेकिन एजेंसियों ने उन्हें ट्रक उपलब्ध नहीं करवाए. इस कारण लगातार हो रही बरसात से गेहूं भीग गया. इसे अब दोबारा धूप निकलने पर सुखाना पड़ेगा. आढ़तियों ने सरकार से मांग की है कि जो भी नुकसान हुआ है, उसका खर्च एजेंसियों से लिया जाए. वही मंडी सचिव का कहना है कि जल्दी उठान के लिए नोटिस दे दिया है.

इस बार किसानों पर लगातार मौसम की मार पड़ रही है. गेहूं की फसल खेतों में जब पक कर तैयार थी तभी लगातार आंधी और तेज बरसात ने फसल ख़राब कर दी. उसके बाद धूप निकलने पर किसानों ने अपनी फसल मंडी में ले जाकर आढ़तियों के हवाले कर दी. आढ़तियों ने बोरियों में गेहूं भराई का काम भी तेज कर दिया. लेकिन सरकारी एजेंसियों ने उसका उठान देरी से और धीमी गति से किया. इस कारण बरसात से बोरियों में भरा अनाज भीग गया. इस बार आढ़तियों को इसका नुकसान हुआ क्योंकि बोरियों में भरे जाने के बाद जिम्मेदारी आढ़तियों की होती है. 

ये भी पढ़ें: हरियाणा की कई मंडियों में बंद हुई सरसों की सरकारी खरीद, उपज लेकर भटकने को मजबूर किसान

क्या कहना है आढ़तियों का?

अंबाला मंडी में आढ़त का काम करने वाले आढ़तियों का कहना है कि सरकारी एजेंसियों ने इस बार उठान देरी से शुरू किया है. उनका कहना है कि मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद एजेंसियों ने धीमी गति से उठान शुरू किया. इसका नतीजा ये रहा कि बेमौसम बरसात से मंडी में पड़ा हज़ारों क्विंटल गेहूं भीग गया.

आढ़तियों का कहना है कि सरकार अब भीगा हुआ गेहूं नहीं लेगी जिसका सीधा नुकसान आढ़तियों को होगा. उन्होंने सरकार से मांग की है कि आढ़तियों को होने वाला नुकसान सरकारी एजेंसियों से वसूला जाए क्योंकि इनके धीमे उठान के कारण ही मंडी में भरी पड़ी गेहूं की बोरियां भीगी हैं.

एजेंसियों के देरी से उठान के लिए सिर्फ किसान या आढ़ती ही परेशान नहीं हैं. मंडी प्रशासन भी परेशानी झेल रहा है. मंडी सचिव दलेल सिंह का कहना है कि एजेंसियों को नोटिस दिया हुआ है जिसमें साफ लिखा है कि देरी के लिए किराया उनसे वसूला जाएगा.

ये भी पढ़ें: 100 लाख मीट्र‍िक टन के पार हुई पंजाब में गेहूं खरीद, हर‍ियाणा-एमपी ने भी जमाया अर्धशतक

मंडी सचिव का भी तर्क जान लें

मंडी सचिव ने कहा कि एजेंसियों को जल्दी से उठान करने के लिए कहा गया है क्योंकि सूरजमुखी की फसल भी जल्दी आने वाली है. उनका कहना है कि अभी मंडी मे 90 हज़ार क्विंटल गेहूं बोरियों मे भरा पड़ा है. दलेल सिंह ने कहा कि जल्दी उठान के लिए उन्हें फिर से नोटिस जारी कर दिया है.

MORE NEWS

Read more!