ये पहला मौका है जब गली-मोहल्ले और सड़कों पर घूमने वाले कुत्ते (स्ट्रीट डॉग) भी सरकार के लिए खास हो गए हैं. स्ट्रीट डॉग को अब उनके हाल पर नहीं छोड़ा जाएगा. उनकी जिंदगी फेंकी हुई रोटी पर निर्भर नहीं रहेगी. पशुओं के लिए बनने वाली पॉलिसी में उनका भी ख्याल रखा जाएगा. यही वजह है कि देश में चल रही पशुगणना में पहली बार स्ट्रीट डॉग को भी शामिल किया गया है. इसके लिए देशभर में एक लाख से ज्यादा लोग स्ट्रीट डॉग की गिनती करेंगे. इसके लिए वो गली-मोहल्ले और सड़कों पर स्ट्रीट डॉग की तलाश करेंगे.
हर एक स्ट्रीट डॉग की पूरी डिटेल नोट की जाएगी. इतना ही नहीं खेत और सड़कों पर घूमने वालीं गाय (स्ट्रे काऊ) को भी पशुगणना में पहली बार शामिल किया गया है. 21वीं पशुगणना कई मायनों में खास है. पहली बार ही पशुगणना मोबाइल से की जा रही है. इसके लिए एक खास ऐप बनाया गया है. जिसके चलते पशुगणना बहुत ही कम वक्त में पूरी कर ली जाएगी.
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जानकारों का कहना है कि मोबाइल ऐप से होने वाली पशुगणना के आंकड़े बहुत सटीक आएंगे. इसका फायदा ये होगा कि डेयरी प्रोडक्ट की एक्सपोर्ट पॉलिसी और पशुओं की बीमारियों को कंट्रोल करने के लिए बनने वाली योजनाओं के लिए रास्ता आसान हो जाएगा. साथ ही पशुओं में महामारी की तैयारी और रेस्पांस के लिए भारत में पशु स्वास्थ्य सुरक्षा सुदृढ़ीकरण पर महामारी निधि (पेनडेमिक फंड) परियोजना में भी मदद मिलेगी.
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