Animal Census: खास हो गए गली-मोहल्ले के कुत्ते, गिनती करने के लिए देशभर में हो रही तलाश 

Animal Census: खास हो गए गली-मोहल्ले के कुत्ते, गिनती करने के लिए देशभर में हो रही तलाश 

गली-मोहल्ले में घूमने वाले पशुओं की गणना के पीछे बताया जा रहा है कि इससे महामारी से निपटने में भी मदद मिलेगी. महामारी निधि (पेनडेमिक फंड) परियोजना से सर्विलांस, रेस्पांस और लैब का नेटवर्क का फायदा गाय और कुत्तों को भी मिलेगा. 

Kerala dog attackKerala dog attack
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Jan 16, 2025,
  • Updated Jan 16, 2025, 3:19 PM IST

ये पहला मौका है जब गली-मोहल्ले और सड़कों पर घूमने वाले कुत्ते (स्ट्रीट डॉग) भी सरकार के लिए खास हो गए हैं. स्ट्रीट डॉग को अब उनके हाल पर नहीं छोड़ा जाएगा. उनकी जिंदगी फेंकी हुई रोटी पर निर्भर नहीं रहेगी. पशुओं के लिए बनने वाली पॉलिसी में उनका भी ख्याल रखा जाएगा. यही वजह है कि देश में चल रही पशुगणना में पहली बार स्ट्रीट डॉग को भी शामिल किया गया है. इसके लिए देशभर में एक लाख से ज्यादा लोग स्ट्रीट डॉग की गिनती करेंगे. इसके लिए वो गली-मोहल्ले और सड़कों पर स्ट्रीट डॉग की तलाश करेंगे. 

हर एक स्ट्रीट डॉग की पूरी डिटेल नोट की जाएगी. इतना ही नहीं खेत और सड़कों पर घूमने वालीं गाय (स्ट्रे काऊ) को भी पशुगणना में पहली बार शामिल किया गया है. 21वीं पशुगणना कई मायनों में खास है. पहली बार ही पशुगणना मोबाइल से की जा रही है. इसके लिए एक खास ऐप बनाया गया है. जिसके चलते पशुगणना बहुत ही कम वक्त में पूरी कर ली जाएगी. 

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पशुगणना से जुड़ी ये बातें भी हैं बहुत खास 

  • पशुगणना पर कुल 200 करोड़ रुपये खर्च होंगे. 
  • करीब एक लाख लोग देशभर में पशुगणना करेंगे. 
  • 25 फरवरी 2025 तक पशुगणना पूरी कर ली जाएगी. 
  • साल 2025 में ही पशुगणना के आंकड़े जारी हो जाएंगे. 
  • गाय की 53 नस्लों की गिनती की जाएगी. 
  • भैंस की 20 नस्लों की गिनती की जाएगी.
  • भेड़ की 45 नस्लों की गिनती की जाएगी.
  • बकरी की 39 नस्लों की गिनती की जाएगी.
  • घोड़ों की आठ नस्लों की गिनती की जाएगी.
  • गधों की तीन नस्लों की गिनती की जाएगी.
  • सूअर की 14 नस्लों की गिनती की जाएगी.
  • कुत्तों की तीन नस्लों की गिनती की जाएगी.
  • मुर्गे की 20 नस्लों की गिनती की जाएगी.
  • बत्तख की तीन नस्लों की गिनती की जाएगी.
  • मेल और फीमेल के आधार पर गिनती होगी. 

जानकारों का कहना है कि मोबाइल ऐप से होने वाली पशुगणना के आंकड़े बहुत सटीक आएंगे. इसका फायदा ये होगा कि डेयरी प्रोडक्ट की एक्सपोर्ट पॉलिसी और पशुओं की बीमारियों को कंट्रोल करने के लिए बनने वाली योजनाओं के लिए रास्ता आसान हो जाएगा. साथ ही पशुओं में महामारी की तैयारी और रेस्पांस के लिए भारत में पशु स्वास्थ्य सुरक्षा सुदृढ़ीकरण पर महामारी निधि (पेनडेमिक फंड) परियोजना में भी मदद मिलेगी. 

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