Tariff: सरकारी मदद जरूरी वरना बर्बाद हो जाएगा झींगा कारोबार, व्यापारियों ने लगाई बड़ी गुहार

Tariff: सरकारी मदद जरूरी वरना बर्बाद हो जाएगा झींगा कारोबार, व्यापारियों ने लगाई बड़ी गुहार

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 50 परसेंट टैरिफ लगाया है. इससे भारत के निर्यात पर गंभीर असर होने वाला है. इसी में झींगा निर्यात भी है जिसका सबसे बड़ा बाजार अमेरिका है. इस असर को कम करने के लिए व्यापारियों ने सरकार से मदद मांगी है.

भारत से करीब 40 फीसदी झींगा अमेरिका को निर्यात किया जाता हैभारत से करीब 40 फीसदी झींगा अमेरिका को निर्यात किया जाता है
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 08, 2025,
  • Updated Aug 08, 2025, 3:18 PM IST

अमेरिका ने भारत के खिलाफ 50 परसेंट का रेसिप्रोकल टैक्स लगा दिया है. इसका सबसे बड़ा असर भारत के झींगा निर्यात पर दिख सकता है क्योंकि अमेरिका इसका सबसे बड़ा बाजार है. ट्रंप के इस फैसले से झींगा पालने वाले किसान, व्यापारी और मछुआरों में चिंता बढ़ गई है. इस चिंता को दूर करने के लिए झींगा व्यापारियों ने सरकार से योजना के अंतर्गत छूट देने की मांग की है. व्यापारियों ने मांग की है कि इस मुश्किल वक्त में सरकार तुरंत दखल दे और इंटरेस्ट इक्ववाइजेशन स्कीम को बहाल किया जाए. इसके अलावा RoDTEP के तहत इंसेंटिव दिया जाए ताकि ऐसी स्थिति से निकलने में मदद मिल सके.

टैरिफ पर चिंता जताते हुए सीफूड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEAI) ने कहा कि इतने ऊंचे आयात शुल्क पर किसी भी मार्केट में निर्यात करना मुश्किल हो जाएगा. अमेरिका के इस फैसले से भारत के 3 अरब डॉलर का सीफूड व्यापार संकट में पड़ गया है. व्यापारी समझ नहीं पा रहे हैं कि इतने ऊंचे टैरिफ पर कोई कैसे भारत से सीफूड खरीद सकता है जिसमें अधिकांश मात्रा झींगे की है.

झींगा उद्योग में चिंता की लहर

व्यापारी इस बात से भी चिंता में हैं कि भारत पर बढ़े टैरिफ से दुनिया के बाकी देशों का सीफूड अमेरिका में सस्ता हो जाएगा. जब बाकी देश अमेरिका को सस्ते में सीफूड देंगे तो भारत का झींगा वहां क्यों बिकेगा. अमेरिका ने कई देशों के सीफूड पर बहुत कम टैरिफ लगाया है. जैसे इक्वेडोर पर 15 परसेंट, इंडोनेशिया पर 19 परसेंट और वियतनाम पर 20 परसेंट का टैरिफ लगाया गया है. ये तीनों देश सीफूड एक्सपोर्ट के मामले में भारत के प्रतिद्वंद्वी हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक, इन सभी देशों का सीफूड सस्ता होगा जबकि भारत का महंगा.

एसईएआई ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा है कि अगर इस विकट परिस्थिति में मदद नहीं मिली तो उनका काम नहीं चल पाएगा. एसईएआई ने कहा कि सीफूड से जुड़ी गतिविधियां और खरीद-बिक्री का काम जारी रखने के लिए सरकारी मदद की सख्त जरूरत है. कंपाउंड लाइवस्टॉक फीड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (CLFMA) के चेयरमैन दिव्य कुमार गुलाटी ने 'बिजनेसलाइन' से कहा कि टैरिफ के प्रभाव से दुनिया के सीफूड बाजार में भारत केवल पिछड़ेगा नहीं बल्कि इस पेशे में लगे लोगों की रोजी-रोटी पर भी असर पड़ेगा. खासकर तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर इसका गंभीर परिणाम देखा जा सकता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति के टैरिफ के ऐलान के बाद भारत के व्यापार और उद्योग जगत में बेचैनी है. अभी से चिंता शुरू हो गई है कि आगे निर्यात का क्या होगा और इससे कितना बड़ा नुकसान हो सकता है.

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