यूपी के इस जिले में भेड़-बकरी पालन की मिल रही रही ट्रेनिंग, व्‍यवसाय के लिए सरकार दे रही सब्सिडी

यूपी के इस जिले में भेड़-बकरी पालन की मिल रही रही ट्रेनिंग, व्‍यवसाय के लिए सरकार दे रही सब्सिडी

यूपी सरकार राज्‍य में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए नए-नए कदम उठा रही है. इसी क्रम में राज्‍य में भेड़-बकरी पालन के लिए प्रश‍िक्षण केंद्र की शुुरूआत की गई है. यह केंद्र इटावा मुख्‍यालय में स्थित है. यहां एक कार्यक्रम में 40 लोगों को ट्रेनिंग दी जाती है. वहीं, सरकार एक योजना भी चला रही है, जिसमें सब्सिडी का प्रावधान भी है.

बकरी पालन के लिए UP सरकार दे रही सब्सिडीबकरी पालन के लिए UP सरकार दे रही सब्सिडी
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 17, 2024,
  • Updated Aug 17, 2024, 5:47 PM IST

उत्तर प्रदेश के इटावा में व्यवसाय की दृष्टि से बकरी पालन की ट्रेनिंग के लिए स्थापित इकलौते भेड़-बकरी पालन प्रशिक्षण केंद्र का व्यापक असर दिखने लगा है. यह प्रशिक्षण केंद्र इटावा मुख्यालय के पशु अस्पताल में परिसर में है. यहां अबतक 22 बैचों को पांच दिन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

एक बार में 40 लोगों को दी जाती है ट्रेनिंग

बता दें कि एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेशभर के 30 और इटावा के 10 पशुपालकों को शामिल किया जाता है. प्रशिक्षण केंद्र में कुन 847 लोगों को ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग के बाद हर पशुपालक को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र दिया जाता है, जो व्यवसायिक स्‍तर पर बकरी पालन में मददगार साबित होता है.

सरकार चला रही विशेष योजना

प्रदेश सरकार ने बकरी पालकों के लिए विशेष  योजना चलाई है. इसके तहत बकरी पालकों को 50 फीसदी सब्सिडी दी जाती है. बकरी पालक लाभार्थी को सिर्फ 10 प्रतिशत पैसा अपने पास से लगाना होता है, जबिक  बैंक से 40 प्रतिशत ऋण दिया जाता है. 
राज्य सरकार की योजना के मुताबिक, 100 बकरी का फार्म 20 लाख रुपए में तैयार होगा. इसी प्रकार 200 बकरियों के लिए 40 लाख और 500 बकरियों के लिए एक करोड़ में फार्म तैयार होगा.

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80 लोगों ने शुरू किया व्‍यवसाय

बकरी पालन प्रशिक्षण केंद्र के में इस लिहाज से ट्रेनिंग कराई जाती, ताकि पशुपालक को किसी तरह की कठिनाई न हो. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से यह व्यवस्था सुनिश्‍चित की जा रही है कि इच्‍छुक लोग बकरी पालन को व्यावसायिक रोजगार की तौर पर अपना सकें.

इसी उद्देश्‍य के साथ राज्य के एकमात्र बकरी प्रशिक्षण पालन केंद्र की स्थापना इटावा जिले में की गई है. जानकारी के मुताबिक, करीब 80 पशु पालकों ने बैंक से लोन लेकर व्‍यवसाय शुरू किया है, जबकि‍ कई पशुपालकों की पत्रावलियां स्वीकृत होने के लिए गई हुई है. जल्दी ही बकरी प्रशिक्षण का असर व्यापक पैमाने पर नजर आने लगेगा.

भेड़-बकरी को नीली जीभ बीमारी से बचाएं

भेड़-बकरी में बहुत-सी बीमारियां आम हैं, लेकिन इन्‍हें बारिश से लेकर सर्दी के मौसम तक नीली जीभ (ब्ल्यू टंग) बीमारी का जानलेवा खतरा रहता है. यह बीमारी है भेड़-बकरी पालकों के मुनाफे को घटा देती है. इसमें पशुओं के दूध और प्रजनन पर बुरा असर होता है. इसमें बकरे की ग्रोथ भी रुक जाती है. एनिमल एक्सपर्ट के अनुसार, नीली जीभ देश में भेड़-बकरियों में तेजी से पनपने वाली संक्रामक बीमारी है, जो एक से दूसरी भेड़-बकरी में तेजी से फैलती है.

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