Poultry Heat Stress: पोल्ट्री फार्म में हवा, दाना-पानी का ऐसे रखा खयाल तो गर्मियों में नहीं घटेगा उत्पादन

Poultry Heat Stress: पोल्ट्री फार्म में हवा, दाना-पानी का ऐसे रखा खयाल तो गर्मियों में नहीं घटेगा उत्पादन

जलवायु परिवर्तन (क्लाइमेट चेंज) ने दूसरे क्षेत्रों की तरह से पोल्ट्री फार्म के मुर्गे-मुर्गियों पर भी बड़ा असर डाला है. इस असर के चलते अंडे-चिकन का उत्पादन तो घटता ही है, साथ में कई बार ऐसे हालात हो जाते हैं कि फार्म के मुर्गे-मुर्गियों की मौत तक हो जाती है. 

बर्ड फ्लू से लोगों में दहशत. (सांकेतिक फोटो)बर्ड फ्लू से लोगों में दहशत. (सांकेतिक फोटो)
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • May 13, 2024,
  • Updated May 13, 2024, 4:58 PM IST

पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो मुर्गी अंडा देने वाली हो या चिकन के लिए पाला जाने वाला ब्रॉयलर मुर्गा, ये सभी 25 से 31 डिग्री तापमान में सामान्य रहते हैं. अगर तापमान 25 डिग्री से नीचे या फिर 31 से ऊपर जाता है तो पोल्ट्री  फार्म के मुर्गे-मुर्गियों को परेशानी होने लगती है. जिसके चलते अंडे और चिकन का उत्पादन भी घट जाता है. खासतौर से गर्मियों में मुर्गे-मुर्गी हीट स्ट्रैस में आ जाते हैं. एक पोल्ट्री  फार्म में ये वो हालात होते हैं जहां हीट स्ट्रैस से निपटने के उचित इंतजाम ना होने के चलते मुर्गे-मुर्गियों की मौत तक हो जाती है. 

लेकिन इस तरह की परेशानी सामने आने पर अगर सिर्फ दाना-पानी और हवा का सही तरीके से पोल्ट्री  फार्म में इंतजाम कर लिया जाए तो घटते उत्पादन और मुर्गे-मुर्गियों की मृत्यु  दर को रोका जा सकता है. जलवायु परिवर्तन के पोल्ट्री पर असर को देखते हुए इस तरह के इंतजाम और भी ज्यादा जरूरी हो जाते हैं.  

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इसलिए तेज गर्मी में परेशान होते हैं मुर्गे-मुर्गियां 

पोल्ट्री  एक्सपर्ट मनीष शर्मा ने किसान तक को बताया कि मुर्गे-मुर्गियों में गर्मी का तनाव तब देखने में आता है जब मुर्गी अपने शरीर की अतिरिक्त गर्मी को छोड़ने के लिए संघर्ष करती है. इसी के चलते मुर्गी तनाव में आती है और उसका उत्पादन भी कम हो जाता है. जब तापमान मुर्गे-मुर्गियों के आरामदायक लेबल से ज्यादा हो जाता है, तो वे तेजी से सांस लेते हैं, कम खाते हैं, कम अंडे देते हैं और यहां तक कि उनकी मौत तक हो जाती है. उनका कहना है कि हीट स्ट्रैस मुर्गे-मुर्गियों के हार्मोन लेबल को बाधित करता है और प्रजनन क्षमता और अंडे की गुणवत्ता को प्रभावित करता है. ब्रॉयलर का वजन कम हो जाता है, चिकन की क्वालिटी गिरने लगती है. 

हीट स्ट्रैस से ऐसे कर सकते हैं बचाव 

हवादार खिड़की-दरवाजे- पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि पोल्ट्री  फार्म में जरूरी तापमान और हवा बनाए रखने के लिए ये जरूरी है कि फार्म में खिड़की-दरवाजों का सिस्टम ठीक हो. एग्जास्ट फैन लगाए गए हों. फार्म की बाहरी दीवारों पर गीली बोरी का इस्तेमाल किया जा सकता है. 

पीने के पानी का इंतजाम- डिहाईड्रेशन और गर्मी के असर को कम करने के लिए पोल्ट्री  फार्म में ताजा और ठंडा पीने का पानी बहुत जरूरी है. पानी की क्वालिटी को बेहतर बनाए रखने और उसकी जांच करने करने वाले उपकरण लगवाएं. पानी का छिड़काव भी करवा सकते हैं. 

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ऐसा हो दिन का फीड- गर्मी के मौसम में ये बहुत ही जरूरी है कि मुर्गे-मुर्गियों की पोषक तत्वों की जरूरत को पूरा किया जाए. दिन के फीड को इस तरह से तैयार किया जाए वो मुर्गियों में हीट स्ट्रै्स को कम करने वाला हो. दिन के वक्त इलेक्ट्रोलाइट की खुराक मुर्गे-मुर्गियों को डिहाईड्रेशन से बचाती है. 

 

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