Bakrid Goat: बकरीद पर बाजार में खूब डिमांड रहती है तोतापरी बकरों की, जानें वजह

Bakrid Goat: बकरीद पर बाजार में खूब डिमांड रहती है तोतापरी बकरों की, जानें वजह

बकरीद के मौके पर कुर्बानी के लिए खरीदे जाने वाले बकरे में वजन, हाइट-हेल्द  और उसकी खूबसूरती देखी जाती है. इसी बात के पशुपालक को हाट में बकरे के दाम मिलते हैं. जबकि आम दिनों में 20 किलो वजन वाला बकरा जहां 10 हजार रुपये का मिल जाता है, वही बकरीद पर 14 से 15 हजार रुपये तक का मिलता है. 

बकरीद के दौरान कुर्बानी के लिए तोतापरी बकरों की डिमांड रहती है.
नासि‍र हुसैन
  • NEWS ,
  • May 09, 2024,
  • Updated May 09, 2024, 3:41 PM IST

वैसे तो बकरीद पर कुछ खास रजिस्टर्ड नस्लो के बकरे खूब बिकते हैं. लेकिन एक और नस्लर का बकरा है जिसकी दिल्ली -एनसीआर में बहुत डिमांड रहती है. डिमांड भी ऐसी कि इस नस्ल का बकरा जामा मस्जिद की हाट के अलावा बाजार में भी एक-एक लाख रुपये का बिक जाता है. यही वजह है कि जामा मस्जिद के साथ ही बकरीद के मौके पर आसपास लगने वाली बकरा मंडी में तोतापरी बकरे बड़ी संख्या में दिखाई देते हैं. जून में बकरीद का त्यौ हार है, लेकिन अभी से तोतापरी बकरों को तैयार करने की कवायद शुरू हो गई है. 

गौरतलब रहे बकरीद तीन दिन तक मनाई जाती है, इस मौके पर तीनों दिन बकरों की कुर्बानी दी जाती है. जानकारों की मानें तो कुर्बानी का बकरा हाइट और वजन के हिसाब से तो बिकता ही है, साथ में उसकी खूबसूरती भी बहुत मायने रखती है. 

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इसलिए हर किसी को पसंद आ जाते हैं तोतापरी बकरे 

बकरों के एक्सपर्ट और गोट ब्रीडिंग पर काम करने वाले मथुरा निवासी राशिद ने किसान तक को बताया कि तोतापरी बकरे खासतौर पर मेवात और उससे लगे राजस्थान के अलवर में पाले जाते हैं. तोतापरी बकरों की तीन बड़ी खासियत होती हैं. एक तो ये कि दूसरे सामान्य बकरों के मुकाबले इनकी हाइट ज्यादा होती है. दूसरा हेल्थ के हिसाब से भी 100 किलो और उसके आसपास के होते हैं. तीसरा ये कि इनकी नाक तोते की तरह से ऊपर की ओर उठी हुई होती है और होंठ नीचे की ओर दबे हुए. जिसके चलते इनकी खूबसूरती बढ़ जाती है. कई अलग-अलग रंग में होने के चलते भी इनकी खूबसूरती और बढ़ जाती है. 

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अच्छा चारा और दाना खिलाने से और तंदरुस्त बनते हैं 

राशिद ने बताया कि तोतापरी नस्ल अभी रजिस्टर्ड नहीं हुई है. लेकिन राजस्थान के अलवर और हरियाणा के मेवात में इसका पालन खूब किया जाता है. प्राकृतिक तौर पर ही इस नस्ल के बकरे अच्छी हाइट और हेल्थ के होते हैं, लेकिन अगर इनकी खिलाई-पिलाई और अच्छे तरह से हो जाए तो हाइट और हेल्थ और ज्यादा बढ़ जाते हैं. इसके चलते इनके दाम भी ज्यादा होते हैं. इस दाम के बकरे हर शहर में नहीं बिक पाते हैं. यही वजह है कि दिल्ली -मुम्बई में इनकी खासी डिमांड रहती है. 

 

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