Goat Lamb Care: ठंड के इस बदलते मौसम में बहुत जरूरी है जन्म लेने वाले बकरी के बच्चों की देखभाल

Goat Lamb Care: ठंड के इस बदलते मौसम में बहुत जरूरी है जन्म लेने वाले बकरी के बच्चों की देखभाल

Goat Lamb Care इंसान हों या पशु सभी को ठंड के चलते ही निमोनिया होता है. लेकिन खासतौर पर पशुओं के मामले में तो निमोनिया कभी भी हो सकता है. इसलिए बड़ी बकरियों के मुकाबले उनके छोटे बच्चों की देखभाल करना बड़ा मुश्किंल होता है. क्योंकि बकरी पालन में री-प्रोडक्शन यानि बकरी द्वारा बच्चे देने सबसे अहम और बड़ा मुनाफा है. 

नासि‍र हुसैन
  • Delhi,
  • Oct 30, 2025,
  • Updated Oct 30, 2025, 4:09 PM IST

Goat Lamb Care ये वो वक्त है जब कुछ दिन पहले ही बकरी के बच्चे जन्म ले चुके हैं और कुछ लेने वाले हैं. ऐसे में किसी भी बच्चे की उम्र एक महीने के अंदर ही अंदर है. क्योंकि ये वो बच्चे हैं जिनके प्रजनन के लिए बकरी को वक्त के मुताबिक गाभि‍न कराया गया था. बकरी सितम्बर और अक्टूबर में बच्चे दे दे, इसलिए अप्रैल से जून में उसे गाभि‍न कराया गया था. ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे बच्चे विपरीत मौसम का सामना करने के लिए बड़े हो जाएं. 

ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि ठंड के इस बदलते मौसम में बच्चों की खास देखभाल की जाए. क्योंकि ये वो वक्त होता है जब मौसम गर्मी का मौसम सर्दियों में बदलता है. ऐसे में जरूरी होता है कि बकरी के आने वाले बच्चे को बीमारियों से बचाया जाए. खासतौर पर ऐसे बच्चों को निमोनिया से बचाना बहुत जरूरी हो जाता है. क्योंकि निमोनिया बेशक दिखने में मामूली बीमारी हो लेकिन इसके चलते पशुओं की मौत तक हो जाती है.

बकरी के बच्चों की ठंड में ऐसे करें देखभाल

गोट एक्सपर्ट का कहना है कि बकरी के बच्चों की मृत्यु् दर कम करने के लिए ये जरूरी है कि हम उसकी देखभाल के साथ ही उसके खानपान का भी ध्यान रखें. उम्र के साथ उसका वैक्सीनेशन भी कराएं. 

  • बच्चे के पैदा होते ही उसे मां का दूध पिलाएं.
  • बच्चे के वजन के हिसाब से ही उसे दूध पिलाएं. 
  • वजन एक किलो हो तो 100-125 ग्राम दूध पिलाएं. 
  • बच्चे को दिनभर में तीन से चार बार में दूध पिलाएं. 
  • दूध पिलाने के लिए बकरी की जैर गिरने का इंतजार ना करें.
  • बच्चा 18 से 20 दिन का हो तो चारे की कोपल खि‍लाएं. 
  • बच्चा एक महीने का हो जाए तो पिसा हुआ दाना खि‍लाएं. 

बच्चों को मौसम से बचाने को जरूर करें ये काम 

  1. बच्चे को मौसम से बचाने के लिए जरूरी उपाय पहले से ही कर लें. 
  2. जमीन पर बिछावन के लिए पुआल का इस्तेमाल करें.
  3. तीन महीने का होने पर बच्चे का टीकाकरण शुरू करा दें.
  4. डॉक्टर की सलाह पर पेट के कीड़ों की दवाई दें.
  5. जन्म से एक-डेढ़ महीने पहले बकरी की खुराक बढ़ा दें. 
  6. बकरी को भरपूर मात्रा में हरा, सूखा चारा और दाना खाने को दें.

बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए करें ये उपाय 

गोट साइंटिस्ट का कहना है कि ठंडा मौसम शुरू होते ही सबसे पहले तो बकरी पालक को बकरियों के आवास में बदलाव करना चाहिए. बकरियों के शेड को इस तरह से ढक दें कि उसमे ठंडी हवाएं आसानी से न आएं. दूसरा यह कि दोपहर के वक्त ही बकरियों और उनके बच्चों को चराने ले जाएं. सुबह और देर शाम तक बकरियों और उनके बच्चों को चराने न ले जाएं. ध्यान रहे कि मौसम के चलते पानी बहुत ज्यादा ठंडा न हो. उन्हें शेड में भरपूर चारा दें. कोशिश करें कि इस दौरान बकरियों और उनके बच्चों को पूरा न्यूट्रिशन मिले. इसके लिए चाहें तो पैलेट्स फीड भी खिला सकते हैं.

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