आने वाले दो महीने फरवरी-मार्च बकरी पालकों के लिए बहुत अहम हैं. खासतौर पर उनके लिए जिनकी बकरी बच्चे देने वाली है. क्योंकि बच्चे के जन्म से पहले और जन्म के बाद कुछ दिनों तक उसकी खास तरीके से की जाने वाली देखभाल बहुत अहम हो जाती है. गोट एक्सपर्ट की मानें तो अगर बकरी के बच्चों की एक महीने तक अच्छे तरीके से देखभाल कर ली जाए तो फिर वो बिना किसी परेशानी के आराम से बड़े हो जाते हैं. और जैसे ही बच्चा चार-पांच महीने का होता है तो उसक कीमत नस्ल के हिसाब से छह-सात हजार रुपये तक हो जाती है.
और सही मायनों में बकरी के बच्चे ही पशुपालक की असल कमाई होते हैं. इसलिए अगर बकरी दो बच्चे दे रही है तो कोशिश करें कि दोनों ही बच्चे जीवित रहें. एक्सपर्ट का तो ये भी कहना है कि अगर साइंटीफिक तरीके से बकरी पालन किया जाए तो बच्चों की मृत्यु दर को काफी हद तक कम करने के साथ ही खत्म भी किया जा सकता है.
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गोट एक्सपर्ट फहीम खान का कहना है कि बकरी के बच्चों की मृत्यु् दर कम करने के लिए ये जरूरी है कि हम उसकी देखभाल के साथ ही उसके खानपान का भी ध्यान रखें. उम्र के साथ बच्चों का वैक्सीनेशन कराएं. फरवरी-मार्च में वो बकरी बच्चा देती हैं जो अक्टूबर से नवंबर के बीच गाभिन कराई जाती हैं. इस हिसाब से वो अब मार्च-अप्रैल में बच्चा दे देगी. मार्च-अप्रैल में बच्चा मिलने से वो सर्दी से बच जाएगा. साथ ही मई-जून की गर्मियों और आने वाले बारिश के महीने तक बीमारियों से लड़ने लायक तैयार हो जाएगा.
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