Animal Care: जनवरी में इन 18 बातों का रखा ख्याल तो पशु नहीं होंगे बीमार, जानें डिटेल 

Animal Care: जनवरी में इन 18 बातों का रखा ख्याल तो पशु नहीं होंगे बीमार, जानें डिटेल 

जनवरी में खासतौर पर पशुओं के खानपान, बीमारी से बचाने के लिए टीके, पीने का पानी, दोपहर के वक्ती खुले में टहलाना और शीतलहर से बचाए के उपाय करना जरूरी होता है. इसमे सरकार भी मदद करती है. पशुओं के टीकाकरण के अलावा केन्द्र और राज्यों की सरकार पशुपालकों की मदद के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती हैं. 

Lumpy disease impacts milk productionLumpy disease impacts milk production
नासि‍र हुसैन
  • नई दिल्ली,
  • Dec 31, 2023,
  • Updated Dec 31, 2023, 12:53 PM IST

कड़ाके की सर्दी के चलते जनवरी पशुओं के लिए बहुत अहम हो जाती है. खासतौर पर उनकी देखभाल को लेकर. इस दौरान पशु हीट में भी आता है. साथ ही गर्मी के मौसम में गाभिन कराए गए पशु इस दौरान बच्चा देने की हालत में होते हैं. पशुओं की सबसे ज्यादा खरीद-फरोख्त भी अक्टूबर से जनवरी और फरवरी के बीच खूब होती है. इस दौरान पशु बीमार भी होते हैं. बीमार होने पर दूध कम हो जाता है. लेकिन वक्त रहते कुछ ऐहतियाती कदम उठाकर इस तरह की परेशानी और आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है, साथ ही पशु भी हेल्दी रहेंगे. 

ठंड के मौसम में पशुओं की देखभाल कैसे करें, इसे लेकर समय-समय पर सरकार और संबंधित विभाग की ओर से भी एडवाइजरी जारी की जाती है जिससे घर पर ही कुछ जरूरी कदम उठाकर पशुओं को राहत दी जा सकती है. खासतौर पर पहले से बीमार और गर्भवती पशुओं का खास ख्या ल रखने की जरूरत होती है.  

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जनवरी में इन बातों का रखना होगा खास ख्या‍ल-

डॉक्टर की सलाह पर पशु पेट के कीड़ों की दवाई खिलाएं.

दुधारू पशुओं को थैनेला रोग से बचाने के लिए डाक्टर की सलाह लें. 

पूरा दूध निकालने के बाद पशु के थन कीटाणु नाशक घोल में डुबाएं.

बछड़े को बैल बनाने के लिए छह महीने की उम्र पर उसे बधिया करा दें.

खुरपका-मुंहपका रोग से बचाव के लिए टीके लगवाएं. 

पशुओं को साफ और ताजा पानी पिलाएं, ठंडा पानी ना दें. 

पशुओं की बिछावन को समय-समय पर बदलते रहें. 

पशुओं को सर्दी लगने पर फौरन ही डॉक्टलर की सलाह लें. 

पशुओं को अफरा होने पर 500 ग्राम सरसों के तेल में 50 ग्राम तारपीन का तेल मिलाकर दें. 

50 से 60 ग्राम मिनरल मिक्चर रोजाना के खाने में जरूर दें. 

पशुओं को बाहरी कीड़ों से बचाने के लिए बाड़े में दवाई का छिड़काव करें.  गर्भवती और बीमार पशु को टहलाने जरूर ले जाएं. 

पशु स्वस्थ हो तो उसको दौड़ाएं जरूर. इससे उसके शरीर में गर्मी आएगी. 

पशु के शरीर से बोरी बांध दें और रात में छत के नीचे ही रखें. 

ठंड से बचाने के लिए पशु को धुंआ देने की कोशिश ना करें. 

पशु के बाड़े में शीतलहर से बचाव का उपाय कर लें. 

गर्मी लाने के लिए पशुओं को गुड़ और तेल दें. 

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NOHM के तहत होंगे यह सात बड़े काम 

नेशनल वन हैल्थ मिशन (एनओएचएम) के तहत सात बड़े काम किए जाएंगे. जिसमे पहले नंबर पर नेशनल और स्टेट लेवल पर महामारी की जांच को संयुक्त टीम बनेगी. महामारी फैलने पर संयुक्तं टीम रेस्पांस करेगी.

नेशनल लाइव स्टॉक मिशन की तरह से सभी पशुओं के रोग की निगरानी का सिस्टम तैयार किया जाएगा. 

मिशन के रेग्यूलेटरी सिस्टम को मजबूत बनाने पर काम होगा. जैसे नंदी ऑनलाइन पोर्टल और फील्ड परीक्षण दिशा निर्देश हैं. 

महामारी फैलने से पहले लोगों को उसके बारे में चेतावनी देने के लिए सिस्टम बनाने पर काम होगा. 

नेशनल डिजास्टर मैंनेजमेंट अथॉरिटी के साथ मिलकर जल्द से जल्द महामारी की गंभीरता को कम करना. 

प्राथमिक रोगों के टीके और उसका इलाज विकसित करने के लिए तय अनुसंधान कर उसे तैयार करना. 

रोग का पता लगाने के तय समय और संवेदनशीलता में सुधार के लिए जीनोमिक और पर्यावरण निगरानी फार्मूले तैयार करना जैसे काम होंगे.

 

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