किसानों की मित्र है 'ब्लैक सोल्जर' मक्खी, खेती से लेकर पशुपालन तक में करती है मदद

किसानों की मित्र है 'ब्लैक सोल्जर' मक्खी, खेती से लेकर पशुपालन तक में करती है मदद

ब्लैक सोल्जर फ्लाई को कई नाम से जाना जाता है. इसे कई जगह सैनिक मक्खी भी कहा जाता है. ये मक्खी किसानों की मित्र भी मानी जाती है. वहीं, इस मक्खी के कई फायदे भी है. ये पशुपालकों के लिए भी काफी कारगर सिद्ध होती है. आइए जानते हैं कैसे?

ब्लैक सोल्जर मक्खीब्लैक सोल्जर मक्खी
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Apr 30, 2025,
  • Updated Apr 30, 2025, 2:38 PM IST

खेती-किसानी में फसलों पर कीटों का लगना एक आम बात है. कीटों की बढ़ती हुई समस्या से कई बार किसानों को आर्थिक तौर पर नुकसान होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कुछ ऐसे भी कीट हैं जो किसानों के मित्र होते हैं. जी हां. कीट किसानों के दोस्त हों, सुनने में थोड़ा अटपटा है. लेकिन ये सच्चाई है. इन्हें किसान मित्र कीट भी कहा जाता है. इन्हीं में से एक है, ब्लैक सोल्जर फ्लाई, ये एक ऐसी मक्खी है, जो फसलों को नुकसान नहीं पहुंचाती है, बल्कि किसानों के बड़े काम आती है. इसलिए किसान इसका पालन भी कर सकते हैं. ये मक्खी कचरे से खाद बना देती है. वहीं, इसके और भी कई खासियत और फायदे हैं. आइए जानते हैं.

क्या है ब्लैक सोल्जर मक्खी?

ब्लैक सोल्जर फ्लाई को कई नाम से जाना जाता है. इसे कई जगह सैनिक मक्खी भी कहा जाता है. पहले ये मक्खी अमेरिका के दक्षिणी भागों में ये पाई जाती थी. जहां से इसके पालन की शुरुआत हुई. लेकिन अब विश्व में कई जगहों पर  इसका पालन किया जा रहा है. भारत में कर्नाटक में इसका पालन किया जाता है. वहीं, मध्य प्रदेश में भी ब्लैक सोल्जर फ्लाई मक्खी के पालन को बढ़ावा दे रहे हैं.

खेती से पशुपालन तक इस्तेमाल

ये कीट जिसे मक्खी या ब्लैक सोल्जर फ्लाई कहते हैं. किसानो के लिए ये बहुत ही लाभदायक कीट है. यह किसान मित्र कीट के नाम से भी जाना जाता है. इस मक्खी का पालन करके आप अपने घर के कचरा से जैविक खाद बना सकते हैं और इसकी इल्लियों को मुर्गी पालन, मछली पालन और सूअर पालन के लिए पौष्टिक आहार के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं.

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मक्खी से कैसे तैयार करें खाद

ब्लैक सोल्जर मक्खी से खाद तैयार करने के लिए किसान सब्जियों के छिलके, कचरा, घास सबकुछ एक बर्तन में रख दें. फिर उसमें थोड़ा सा गोबर मिलाकर के उसमें इल्लियों को छोड़ दें. इसके बाद इल्लियां मैच्योर हो जाएंगी, फिर आप इनका इस्तेमाल अलग-अलग तरीके से कर सकते हैं. इसके बाद इल्लियों का जो विस्टा होता उससे कचरा जैविक खाद के रूप में बदल जाता है. वहीं, ये खाद  पोषक तत्व से भरपूर होता है जिसे आप अपने बागवानी में सब्जी की फसलों में पॉलीहाउस में  इस्तेमाल कर सकते हैं.

एक मक्खी देती है 900 अंडे

ब्लैक सोल्जर मक्खी के पालन के लिए आप एक ट्रे लें और उसमें 700 इल्लियां डाल दें. इसकी खासियत ये होती है कि ये 15 दिन के अंदर ही बड़ी तेजी से अपनी संख्या को बढ़ाने में सक्षम होती है. जब ये काफी तादाद में अपनी संख्या को बढ़ा लेती हैं. बता दें कि 10 दिन में एक मादा कीट 900 अंडे देती है. मतलब एक मादा कीट से 900 बच्चे बनते हैं. वो आगे जाकर जब अपना लाइफ साइकिल पूरा कर वयस्क हो जाएगी तो फिर एक कीट 900 अंडे देगी. इस तरह से उनकी संख्या अधिक से अधिक होती जाती है और इसमें नर और मादा दोनों रहते हैं.

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