उत्तर प्रदेश देश में सबसे बड़ा पशु आबादी वाला प्रदेश है. प्रदेश में 2 करोड़ 76 लाख पशु ऐसे हैं जो गणना में दर्ज हैं लेकिन पशु बीमा के मामले में प्रदेश पीछे है. अभी तक प्रदेश में कुल 648349 पशुओं का बीमा हुआ है जो कि कुल संख्या का केवल चार फीसदी ही है. प्रदेश सरकार के द्वारा अधिक से अधिक पशुओं का बीमा कराए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं. पिछले 7 महीना के भीतर एक लाख से अधिक पशुओं का बीमा किया जा चुका है जो कि एक रिकॉर्ड है. उत्तर प्रदेश राज्य राष्ट्रीय पशुधन मिशन की जोखिम प्रबंधन और पशुधन बीमा योजना के तहत पशुपालकों के पशुओं के बीमा की सुविधा मिल रही है. पशुओं को सुरक्षा देने के लिए सरकार के द्वारा काम किया जा रहा है. इस योजना के तहत किसानों को पशु बीमा प्रीमियम पर 90 परसेंट तक सब्सिडी दी जा रही है जिसमें 50 परसेंट राज्य का अंश है जबकि 25 से 40 परसेंट केंद्र का अंश होगा. लाभार्थी को अपने पशुओं को एक से तीन ताल तक सुरक्षित रखने के लिए बीमा प्रीमियम 376 रुपये ही देना होगा.
उत्तर प्रदेश में सरकार के द्वारा 11.78 करोड़ रुपये की सब्सिडी सहायता किसानों को पशु बीमा के रूप में मिली है. अब तक प्रदेश में 3.55 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है. यूपीएलडीबी के सी.ई.ओ नीरज गुप्ता ने बताया कि पिछले 7 महीने में विभाग के द्वारा 100034 पशुओं का बीमा किया गया है. इस योजना के तहत दुधारू पशुओं की मृत्यु के नुकसान से बचने के लिए पशुपालक को केवल 376 रुपये वार्षिक प्रीमियम देना होगा. यूपी में यह योजना भूमिहीन और गरीब किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता है.
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यूपी एलडीबी के सी.ई.ओ नीरज गुप्ता ने बताया है कि प्रदेश में पशुधन बीमा योजना के तहत भूमिहीन और गरीब किसानों को वित्तीय सहायता मिलती है. यह योजना पॉलिसी जारी करने और उनके दावों के निपटान के लिए बीमा कंपनी और मध्यस्थ के समन्वय से चलाई जा रही है. इस योजना में पारदर्शिता, ट्रैकिंग ,जवाबदेही और पता लगाने की क्षमता के लिए डिजिटलीकरण और एपीपी का उपयोग करने में बड़े कदम उठाए गए हैं.
लाभार्थी एसएमएस के माध्यम से भेजे गए लिंक से पॉलिसी डाउनलोड कर सकते हैं. पशुओं की मौत पर एसएमएस अलर्ट द्वारा जांचकर्ता और पशु चिकित्सक तक जानकारी पहुंचाई जा रही है. अब तक प्रदेश में 626 पशुओं की मृत्यु पर पशुपालक को बीमा कवर की राशि दी जा चुकी है. प्रदेश के सभी 75 जिलों में यह योजना चलाई जा रही है. गोरखपुर जिला इस योजना का लाभ पाने में सबसे अग्रणी है.