Certificate of Organic Milk खाने-पीने से जुड़ी कोई भी चीज हो, उत्पादन करने वाला उसके साथ ऑर्गेनिक शब्द दे रहा है. इसका फायदा ये है कि उसकी बिक्री बढ़ जाती है और दाम भी ठीक-ठाक अच्छे मिल जाते हैं. खासतौर से दूध और दूध से बने प्रोडक्ट को तो धड़ल्ले से ऑर्गेनिक बताया जा रहा है. ऑनलाइन प्लेटफार्म पर डेयरी प्रोडक्ट बेचने वालों ने तो ऑर्गेनिक डेयरी प्रोडक्ट की लाइन ही लगा दी है. हर कोई डेयरी प्रोडक्ट के ऑर्गेनिक होने का दावा कर रहा है. हालांकि राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र (एनसीओएनएफ) की मानें तो पशु से ऑर्गेनिक दूध लेना आसान नहीं है.
इसके लिए कई अलग-अलग नियमों का पालन करना होता है. पालन करने के साथ ही सरकारी एजेंसियां उसकी जांच करती हैं, तक कहीं जाकर प्रोडक्ट के ऑर्गेनिक होने का सर्टिफिकेट मिलता है. गौरतलब रहे एनसीओएनएफ दूध के ऑर्गेनिक होने का प्रमाण पत्र देता है. और यह प्रमाण पत्र पशु के नाम पर दिया जाता है.
डेयरी एक्सपर्ट डॉ. दिनेश भोंसले का कहना है कि लम्बे वक्त से ऑर्गनिक चारे पर काम चल रहा है. लेकिन चारा ऑर्गेनिक है या नहीं इसके लिए सर्टिफिकेट लेना होता है. लेकिन सिर्फ ऑर्गेनिक हरा चारा खिलाने से ही ही दूध ऑर्गेनिक नहीं हो जाता है. इसके लिए और दूसरे नियमों का भी पालन करना होता है.
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