हरियाणा में बीते कुछ महीनों से दुग्ध संघ (मिल्क सोसाइटी) लगातार प्रदर्शन कर रही हैं. हाल ही में रोहतक, जींद आदि में वीटा डेयरी के प्लांट पर प्रदर्शन हुए थे. दुग्ध संघ का आरोप है कि वो लगातार दूध की सप्लाई कर रहे हैं, लेकिन उन्हें रुपयों का भुगतान नहीं किया जा रहा है. जबकि नियमानुसार 10 दिन में दूध का भुगतान हो जाना चाहिए. दुग्ध संघों का आरोप है कि अलग-अलग सोसाइटी का करीब 100 करोड़ रुपया बकाया है. महीनों का वक्त बीत जाने के बाद भी रुपयों का भुगतान नहीं हो रहा है.
हर बार कहा जाता है कि जल्द भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन तय वक्त पर फिर से अगली तारीख दे दी जाती है. उधर दूसरी ओर वीटा डेयरी के अधिकारियों का कहना है कि उनका भी करीब 150 करोड़ रुपये का भुगतान सरकार के पास रुका हुआ है. इसी के चलते दुग्ध संघों को उनका भुगतान नहीं हो पा रहा है.
ये भी पढ़ें: Dairy Milk: ज्यादा दूध देने वाली गाय-भैंस बेचने को ऐसे की जा रही है धोखाधड़ी, पढ़ें डिटेल
गौरतलब रहे हरियाणा की हजारों मिल्क सोसाइटी रोजाना वीटा डेयरी के अलग-अलग प्लांट पर दूध देती हैं. वीटा डेयरी का नियम है कि 10 दिन बाद सोसाइटी को उनके दूध का भुगतान कर दिया जाता है. लेकिन नवंबर के बाद से सोसाइटियों को दूध का भुगतान नहीं मिल पा रहा है. उनका आरोप है कि वीटा से भुगतान ना होने की हालत में वो गांव-गांव उन किसानों को भी रुपया नहीं दे पा रहे हैं जिनसे वो रोजाना सुबह-शाम दूध लेते हैं. ऐसे में मिल्क सोसाइटियों के साथ ही उन छोटे किसानों के सामने भी संकट खड़ा हो गया है.
ये भी पढ़ें: फरवरी में पशुओं की देखभाल के लिए 10 बातों का रखें ध्यान, ना दूध घटेगा, ना बीमार पड़ेंगे
नाम ना लिखने की शर्त पर वीटा डेयरी के अफसर बताते हैं कि हरियाणा में मिड-डे-मिल योजना के तहत स्कूलों में बच्चों के लिए दूध जाता है. वहीं आंगनबाड़ी केन्द्रों में छोटे बच्चों के लिए दूध का पाउडर सप्लाई होता है. कई महीनों से लगातार दूध और दूध पाउडर सप्लाई हो रहा है, लेकिन रुपयों का भुगतान वक्त से नहीं हो रहा है. एक मोटे अनुमान के मुताबिक वीटा डेयरी का प्रदेश सरकार पर दूध और दूध पाउडर का करीब 150 करोड़ रुपया बकाया है. अब सरकार से बकाया 150 करोड़ रुपये मिले तो मिल्क सोसाइटी का भी 90 से 100 करोड़ रुपये के बकाया का भुगतान किया जाए.