उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही बारिश धान जैसी फसलों को फायदा पहुंचा रही है तो वही दलहनी फसलों को नुकसान हुआ हैं. बुंदेलखंड के ललितपुर जनपद में किसानों की उड़द की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. यहां के किसान पहले ही कर्ज के बोझ में दबा हुआ था लेकिन अब बारिश ने उनकी खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा है. जिले में तीन दिनों से हो रही बारिश के चलते खेतों में पानी भर गया है जिसके कारण उड़द की फलियां में से दाने अब अंकुरित होने लगे हैं. जिले के बिरधा क्षेत्र के अंतर्गत करमरा, पटौआ, मगरपुर, रमपुरा, राधापुर ,बम्होरी ,बिरधा, बंगरिया, सलैया, उमरिया ,पिपरिया कलरव, सतोरा, हरपुरा , नीमखेड़ा जैसे गांव के किसानों की उर्द, मूंग फसल बर्बादी के कगार पर पहुंच चुकी है.
बुंदेलखंड के सात जिलों में सबसे ज्यादा दलहन की खेती होती है. इसीलिए इसे प्रदेश के दलहन का कटोरा भी कहा जाता है. इस बार बुंदेलखंड की खेती को किसी की नजर लग गई है. पहले सूखा तो अब इतनी ज्यादा बारिश हुई जिसके चलते फसल खेत में ही डूब गई. बुंदेलखंड के ललितपुर जनपद में उड़द की फसल को बारिश से बड़ा नुकसान पहुंचा है. जिले के किसानों की उड़द और मूंग की फसल पककर पूरी तरह से तैयार हो गई थी लेकिन भारी बारिश के चलते अब नष्ट होने की कगार पर पहुंच गई है. फसल बर्बाद होने से कई किसान कर्ज की बोझ के तले भी दब चुके हैं. कर्ज लेकर पंचम कुशवाहा ने इस उम्मीद से फसल बोई थी कि अच्छी फसल हुई तो उन्हें मुनाफा होगा लेकिन खेत में खड़ी फसल ही चौपट हो गई. इससे उन पर कर्ज का बोझ और भी ज्यादा बढ़ गया है.
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ललितपुर जनपद में मूंगफली की खेती करने वाले किसानों को फायदा हुआ है. जिले में धान और मूंगफली के किसानों को ही बारिश से फायदा हुआ है जबकि सब्जी और दलहन की खेती को बड़ा नुकसान भी हुआ है. बिरधा के किसान दयाराम कुशवाहा ने बताया कि इस बार खरीफ की फसल बहुत अच्छी थी लेकिन लगातार हो रही भारी बारिश के चलते खेत में तैयार खड़ी फसल अब बर्बादी के कगार पर पहुंच गई है. गजेंद्र सिंह बुंदेला ने बताया की सरकार गांव में लगातार बारिश होने से खराब भी फसलों का सर्वे कराकर मुआवजा दे.
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