
देश में लगातार बेमौसम बारिश का दौर जारी है. अप्रैल के महीने में हो रही बारिश से जहां गर्मी से थोड़ी राहत मिल रही है, वहीं किसानों के लिए यह बारिश आफत से कम नहीं है. महाराष्ट्र के वाशिम जिले में लगातार तीन दिनों से बारिश का दौर जारी है. वाशिम जिले में तीन दिनों से रोज शाम के समय तेज हवा के साथ बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि हो रही है. इस आसमानी मुसीबत ने आम नागरिकों से ज्यादा किसानों को परेशानी में डाल दिया है. इस बेमौसम बारिश से किसानों की फसलों जैसे पालक, भिंडी, प्याज, हल्दी की फसल को अपना निवाला बना लिया है. यह किसानों की चिंता बढ़ा रहा है.
जिले के वनोजा गांव में आई तूफानी हवा से आम लोगों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. गुरुवार शाम को आए तूफान में लोगों की दुकानों और घर पर लगे टीन उड़ गए. वनोजा गांव में स्थित श्री शिवाजी विद्यालय के जहां टीन उड़ गए वहीं सालुंकाबाई विद्यालय के टीन का हॉल गिर गया. इसके अलावा भी गांव में लोगों का काफी नुकसान हुआ है.
जिले के शेलूबाजार में भी इस तूफान ने अपना कहर बरपाया और वहां के हफतावारी बाजार में किसानों की छप्पर से बनी दुकानें उड़ गईं. साथ ही किसानों द्वारा बेचने के लिए लाई गई सब्जियां भी खराब हो खराब हो गईं, जिससे किसानों को काफी नुकसान हो गया.
जिले के मानोरा तहसील के चिखली नामक गांव में तूफानी बारिश और ओलावृष्टि ने शादी के मंडप को तहस - नहस कर दिया, इस मंडप में फंसे बारातियों ने भागकर अपनी जान बचाई और दूसरी जगह छुपकर शरण ली. कुछ देर बाद ही उस मंडप पर पेड़ की टहनी और ओलावृष्टि के वजन से पूरा मंडप बैठ गया, सौभाग्यवश कोई दुर्घटना नहीं हुई.
इस तूफान ने जहां आम आदमी को बेहाल कर के रख दिया है. वहीं किसानों की सब्जियों की फसल, प्याज, हल्दी इत्यादि फसलों को तबाह कर दिया, पिछले 3 दिनों से बेमौसम हो रही बारिश से जिले के किसान परेशान हो गए हैं. गुरुवार शाम 20 से 25 मिनट में हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों के खेतों पर कब्जा कर लिया.
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