दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में बारिश शुरू हो गई है. शाम में मौसम बिगड़ने के साथ ही बारिश शुरू हो गई. बारिश के साथ तेज हवाएं भी चल रही हैं. देश के अन्य राज्यों की बात करें तो बिगड़ते मौसम ने किसानों को परेशान कर दिया है. फसल कटाई के वक्त बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों को घोर मुश्किल में डाल दिया है. गेहूं अभी तैयार खड़ी है और कहीं-कहीं कट कर खलिहान तक पहुंच गई है. यही हाल सरसों और चने का भी है. ऐसे में बारिश ने इन फसलों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है. देश के कई हिस्सों में बारिश जारी है और कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी देखी जा रही है. पिछले कई दिनों से यह सिलसिला चल रहा है जिससे किसान बहुत पहेशान हैं. देश के कई पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी देखी जा रही है.
दिल्ली सहित आसपास के कई इलाकों में तेज हवा के साथ बारिश दर्ज की जा रही है. पिछले कई दिनों से मौसम का ऐसा हाल चल रहा है जिसमें शाम होते-होते बारिश शुरू हो जाती है. इससे मौसम में ठंडक लौट आती है. अप्रैल महीने में ऐसी स्थिति देखी जा रही है जब गर्मी अधिक बढ़ जाती है. इस बार अप्रैल महीने में लोगों को तापमान बिल्कुल नहीं सता रहा क्योंकि हर दिन बारिश हो जाती और तापमान में गिरावट आ जाती है.
घंटे भर पहले मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों के लिए अपडेट जारी किया था. इसमें कहा गया था कि बादल गरजने के साथ मध्यम से लेकर भारी बारिश हो सकती है. मौसम विभाग की भविष्यवाणी सच साबित हुई और दिल्ली-एनसीआर में तेज हवा के साथ बारिश दर्ज की गई.
शनिवार शाम को हुई बारिश पश्चिमी दिल्ली, दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के मुंडका, जफरपुर और नजफगढ़ में दर्ज की गई है. एनसीआर की बात करें तो दिल्ली से सटे कुछ स्थानों पर बारिश हुई है. मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा था कि झज्जर, फारूखनगर, सोहाना और भिवानी में भी हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, करनाल, गोहाना, गनौर, सोनीपत, खरखोदा शामली (हरियाणा), बड़ौत, बागपत नगर (यूपी), लक्ष्मणगढ़ (राजस्थान) में बारिश या फुहारें पड़ने की संभावना है.
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देश के कई इलाकों में बारिश ने किसानों की मुश्किल बढ़ा दी है. उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश ने फसलें खराब कर दी हैं. बारिस के साथ ओलावृष्टि और तेज हवाओं ने पूरी फसल को खेतों में बिछा दिया है. इससे फसलों के सड़ने का खतरा पैदा हो गया है. गेहूं के अलावा चना और सरसों को सबसे अधिक नुकसान है. किसान अब मुआवजे की मांग कर रहे हैं. कई राज्यों में फसली नुकसान का सर्वे शुरू कर मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
दूसरी तरफ देश के पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी का दौर देखा जा रहा है. अप्रैल महीने में बर्फबारी देखकर लोग परेशान हैं. बागेश्वर जिले के मैदानी क्षेत्रों में बारिश और हिमालयी क्षेत्र से सटे इलाकों में भारी बर्फबारी हो रही है, जिससे अप्रैल में जनवरी जैसे मौसम का एहसास होने लगा है. जिले के डंगोली क्षेत्र में 17.5, गरुड़ में 12.5, बागेश्वर में आठ, कपकोट में ढाई मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई.
बागेश्वर जनपद में लगातार बारिश से जहां एक ओर तापमान जनवरी जैसा एहसास दे रहा है, वही इस बारिश से खेती किसानी के लिए किसान खुश हैं. इस बार शीतकाल में बर्फबारी, बारिश कम और देरी से हुई है. फिर भी बर्फबारी और बारिश को रबी की फसल के लिए राहत भरा माना जा रहा है. बर्फबारी, बारिश से जमीन को नमी मिली है जिससे किसानों को कुछ राहत अवश्य मिली है.
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अप्रैल की शुरुआत में ही पिथौरागढ़ जिले में ठंड ने एक बार फिर से दस्तक दी है. बीते दिन से लगातार हो रही बारिश के बाद पिथौरागढ़ जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में जबरदस्त बर्फबारी हुई है तो वहीं निचले इलाकों में भी जबरदस्त बारिश हुई है. इस बारिश और बर्फबारी के बाद अप्रैल के महीने में भी लोगों को कड़ाके की ठंड का अहसास हो रहा है.
जहां एक तरफ लोगों ने ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े अलमारियों से बाहर निकाल लिए हैं, तो वहीं दूसरी ओर लोग अलाव का सहारा भी ले रहे हैं. पिथौरागढ़ के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र महर ने बताया कि मौसम विभाग के अनुमान के बाद जिले में जमकर बर्फबारी और बारिश हुई है जिसके बाद लोगों को ठंड से दो चार होना पड़ रहा है. ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से सभी तहसीलों को जरूरत पड़ने पर सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने की हिदायत भी दी गई है.
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