पंजाब में कई जिलों में इन दिनों भारी बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति बनी हुई है और नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है. बाढ़ के चलते फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है. ऐसे में हालात के बीच गुरदासपुर जिले के मंगियां और शकरी गांवों में, खेती में इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टर अब बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं. दोस्तपुरा जैसे आस-पास के सीमावर्ती गांवों के लोग भी मदद के लिए आगे आ रहे हैं.
दोस्तपुरा के गगन और राकेश ने बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करते हुए बताया कि हम एक किराना स्टोर चलाते हैं. हमारा अपना गांव भी बाढ़ के खतरे में है. लेकिन, यहां स्थिति कहीं ज्यादा खराब है. लोग बाहरी दुनिया से पूरी तरह कटे हुए हैं, हम ज़रूरतमंदों की मदद के लिए अपनी दुकान से राशन लाए हैं.
बाढ़ के बाद ये गांव अब टापू बन गए हैं, रावी नदी का पानी अभी भी 4-5 फीट ऊपर बह रहा है. मंगियां में निवासी पीने के पानी के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं और उन्हें मिलने वाली सीमित मदद पर ही निर्भर हैं. कई परिवारों ने अपनी छतों पर अस्थायी तंबू लगा लिए हैं और सुरक्षा के लिए वहां चले गए हैं.
जगतार सिंह ने कहा कि बाढ़ आने से पहले के 48 घंटों में यहां पहुंचने वाला यह पहला ट्रैक्टर है. घरों के अंदर पानी 5 से 10 फीट और खेतों में तो 20 फीट तक बढ़ गया था. शुक्र है कि अब पानी कम होने लगा है. इस दौरान शकरी गांव में सेना का एक पुराना टैंक बाढ़ग्रस्त खेतों में बचाव कार्यों के लिए जाता हुआ देखा गया.
स्थानीय गुरुद्वारे द्वारा आयोजित एक सामुदायिक रसोई (लंगर) को चर्च, घरों और दुकानों तक भी पहुंचाया गया. वहीं, स्थानीय लोगों ने राज्य सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पिछले तीन महीनों से बाढ़ आने की चेतावनी और संकेत मिल रहे थे. पंजाब सरकार क्या कर रही थी? हमारी पूरी फसल बर्बाद हो गई है. हमें मुआवजा कौन देगा?
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