बारिश-बाढ़ से खेती ही नहीं लोगों की काम करने की क्षमता पर भी बुरा असर, वाहनों का रखरखाव खर्च भी बढ़ा 

बारिश-बाढ़ से खेती ही नहीं लोगों की काम करने की क्षमता पर भी बुरा असर, वाहनों का रखरखाव खर्च भी बढ़ा 

मानूसन के बाद दिल्ली-NCR में जलभराव से 86 फीसदी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है. लोकलसर्कल्स के सर्वे में दावा किया गया है कि दिल्ली के सबसे ज्यादा लोग नगर निगम, जल और यातायात जैसे विभागों की तैयारियों को नाकाफी बता रहे हैं. इस मामले में नोएडा-गाजियाबाद के सबसे ज्यादा लोग संतुष्ट हैं.

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बारिश-बाढ़ से खेती ही नहीं लोगों की काम करने की क्षमता पर भी बुरा असर, वाहनों का रखरखाव खर्च भी बढ़ा दिल्ली-एनसीआर में भी जलभराव की समस्या लगातार विकट होती जा रही है.

मॉनसूनी बारिश भरपूर होने के चलते खरीफ सीजन की कुछ फसलों को फायदा हुआ है तो कुछ फसलों को नुकसान हुआ है. कर्नाटक में 80 हजार हेक्टेयर में खड़ी फसल बर्बाद हो गई है. इसी तरह अन्य राज्यों में भी फसलों को नुकसान पहुंचा है. बारिश स्थितियों के चलते दिल्ली एनसीआर में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा है. सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि बारिश से जलभराव समेत अन्य  विपरीत स्थितियों से निपटने की सबसे कम तैयारी दिल्ली में देखी गई. 

मानसून में पहाड़ों के साथ साथ मैदानी इलाकों में भी बारिश कहर बरपा रही है. दिल्ली-एनसीआर में भी जलभराव की समस्या लगातार विकट होती जा रही है. इससे दिल्ली और NCR में रहने वाली कामकाजी आबादी जो सुबह शाम घर और दफ्तर की दौड़ लगाती है सबसे ज्यादा परेशान है. इसके अलावा भी सड़क पर किसी भी काम से निकलने वाले लोगों की आवाजाही में इस जलभराव से बड़ी अड़चन पैदा हो रही है और सभी को अब सड़कों पर सफर पूरा करने के लिए ज्यादा वक्त बिताना पड़ रहा है. 

लोकल सर्कल्स के एक सर्वे में दावा किया गया है कि 86 फीसदी लोग जलभराव की वजह से ट्रैफिक में फंसकर सफर में अतिरिक्त समय गंवाने को मजबूर हैं. इससे लोगों की काम करने की क्षमता पर तो असर पड़ ही रहा है साथ ही वाहनों के रखरखाव का खर्च भी बढ़ गया है. इसी तरह फ्लाइट, ट्रेन छूटने के साथ साथ दूसरी वजहों से 71 परसेंट लोगों को आर्थिक नुकसान हो रहा है.

लोकल सर्कल्स के सर्वे में 19 हजार लोगों के जवाब मिले जिनमें 67 फीसदी पुरुष और 33 परसेंट महिलाएं थीं. सर्वे में दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के लोगों को शामिल किया गया था. सर्वे में आए जवाबों के मुताबिक दिल्ली को लोगों ने मानसून सीजन के लिए सबसे कम तैयार बताया है. जबकि, नोएडा और गाजियाबाद की तैयारी के बेहतर होने के दावे किए हैं.

दिल्ली से बेहतर तैयारी नोएडा-गाजियाबाद में रही

वैसे नोएडा और गाजियाबाद तुलनात्मक तौर पर भले ही दिल्ली से बेहतर नजर आते हैं. लेकिन, बारिश होते ही यहां के भी तमाम इलाकों में जलजमाव की तस्वीर दिखाई देना आम बात है. सर्वे में शामिल दिल्ली के 92 फीसदी लोगों का कहना है कि मानसून के मौसम में दिल्ली नगर निगम, जल, यातायात से जुड़ी अथॉरिटी ने जलभराव से निपटने के लिए तैयारी नहीं की. वहीं, गुरुग्राम के 62 फीसदी लोग ही ऐसा सोचते हैं. जबकि नोएडा और गाजियाबाद के 38 परसेंट लोग ही ऐसा सोचते हैं. वहीं, फरीदाबाद के 46 परसेंट लोगों का मानना है कि शहर की अथॉरिटीज ने मानसून के लिए तैयारी नहीं की. 

86 फीसदी लोगों ने एक से ज्यादा समस्याएं झेलीं 

सर्वे में दिल्ली-एनसीआर के लोगों से अलग अलग सवाल पूछे गए थे, जिसमें मिले 9 हजार 758 जवाबों के मुताबिक 86 फीसदी लोगों ने मानसून में एक या ज्यादा समस्याओं का सामना किया था. जबकि, 14 फीसदी लोगों को बारिश में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई. वहीं, अथॉरिटीज की मानसून की तैयारी को लेकर पूछे गए सवालों पर 9 हजार 694 जवाब मिले जिसमें दिल्ली के लोग सबसे ज्यादा नाराज नजर आए. (आदित्य के राणा) 

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