Potato Crops : बेमौसम बारिश ने बढ़ाई आलू किसानों की समस्या, झुलसा रोग से बचाव के लिए अपनाएं ये टिप्स

Potato Crops : बेमौसम बारिश ने बढ़ाई आलू किसानों की समस्या, झुलसा रोग से बचाव के लिए अपनाएं ये टिप्स

अधिक नमी के कारण आलू की फसल में बीमारियों का प्रकोप बढ़ाने की संभावना है. पाले का असर खत्म होगा फिर भी फूल वाली फसलों को शुष्क मौसम के लिए इंतजार करना होगा. बारिश की वजह से अरहर, चना, मसूर को फायदा हुआ है जबकि  आलू की फसल में झुलसा रोग का खतरा बढ़ चुका है

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Potato Crops : बेमौसम बारिश ने बढ़ाई आलू किसानों की समस्या, झुलसा रोग से बचाव के लिए अपनाएं ये टिप्स

उत्तर प्रदेश में पिछले तीन दिनों से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है. बारिश भी कहीं कम तो कहीं ज्यादा हो रही है. ऐसे में गेहूं जैसी फसलों के लिए यह बारिश लाभ पहुंच रही है तो वही आलू की फसल इससे प्रभावित हो रही है. अधिक नमी के कारण आलू की फसल में बीमारियों का प्रकोप बढ़ने की संभावना है. पाले का असर खत्म होगा फिर भी फूल वाली फसलों को शुष्क मौसम के लिए इंतजार करना होगा. बारिश की वजह से अरहर, चना, मसूर को फायदा हुआ है जबकि  आलू की फसल में झुलसा रोग का खतरा बढ़ चुका है. कृषि वैज्ञानिक डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया टमाटर, बैगन, शिमला, मिर्च, बिंस, गोभी ,पालक हरी धनिया, ब्रोकली फसलों का इस मौसम में ध्यान रखना आवश्यक है. सरसों की फसल में जलभराव ना होने दे. आलू की पत्तियां जली हुई या पनीली दिखाई दे जगह-जगह पत्तियों पर भूरे रंग के धब्बे दिखाई दे तो समझना चाहिए कि झुलसा रोग का प्रकोप शुरू हो गया है. इसके लिए किसानों को सलाह दी जाती है की फफूंदी नाशक मैन्कोजेब  75 प्रतिशत डब्लू जी का 3 ग्राम प्रति लीटर की मात्रा का घोल बनाकर तुरंत छिड़काव करें. 

कैसे करें झुलसा की पहचान

रबी सीजन में आलू की बुवाई होती है. उत्तर प्रदेश आलू उत्पादन में अग्रणी राज्य है. ठंड के मौसम में आलू की फसल को पहले से बचाव करना ज्यादा जरूरी होता है. ठंड का सबसे ज्यादा प्रभाव आलू ,सरसों और चना पर देखने को मिलता है. लखनऊ स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष व प्रधान कृषि वैज्ञानिक डॉ अखिलेश दुबे का कहना है की बारिश के बाद मौसम में नमी होने के चलते झुलसा संक्रमण का खतरा रहता है जिसको किसानों को जानना बेहद जरूरी है. अधिक पाले के कारण जब पत्तियां पीली पड़ जाती है तो इससे आलू सड़ने लगता है. ऐसी स्थिति में झुलसा के कारण पैदावार भी प्रभावित होती है. झुलसा रोग को रोकने के लिए किसानों को मैंकोजेब  और  मेटालेकजिम को मिलाकर एक ग्राम को 1 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. इससे यह बीमारी नियंत्रण में आ जाती है. इसी तरह पछेती झुलसा पर भी यह दवा काम करती है.

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आलू की फसल में झुलसा रोग से ही नहीं बल्कि माहो और थ्रिप्स किट से भी खतरा रहता है. ऐसे में कृषि वैज्ञानिक डॉ. अखिलेश दुबे ने बताया की किसानों को रोज अपनी फसलों का निरीक्षण करना चाहिए.  थ्रिप्स और माहो के कीट पत्तियों के पिछले भाग में चिपके रहते हैं. निरीक्षण करने में इस तरह की अगर किट दिखाई दे तो उन्हें एमीदाक्लोपीईड की दशमलव. 3ml को प्रति लीटर में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए जिससे यह बीमारी पूरी तरीके से नियंत्रित हो जाती है.

आलू के बीजों को चमकदार बनाना हो तो करें ये उपाय

फसल के बचाव के लिए किसानों को कुछ खास उपाय भी करने चाहिए. आलू के बेहतर उत्पादन और बीज अच्छे बीज के माध्यम से कमाई करने के लिए किसानों को सल्फर आफ पोटाश की एक लीटर को 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. इससे आलू का कन्द मोटा होता है और बीजों में चमक बढ़ती है जिससे किसान को अच्छा उत्पादन के साथ-साथ उसके बीज से भी अच्छी कमाई होती है.

 

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