जून का तीसरा सप्ताह बीतने वाला है और अभी भी झारखंड को मॉनसून की पहली बारिश का इंतजार है. राज्य के सभी 24 जिलों में सुरज आग बरसा रहा है. संताल परगना के जिले गोड्डा में रविवार का अधिकतम तापमान 46 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है. राज्य के सभी जिलों में तापमान लगभग 40 डिग्री या उससे अधिक चल रहा है. किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं. गर्मी और लू के कारण परेशानी और बढ़ गई है. वहीं पावरकट की समस्या से लोग अलग परेशान है. किसानों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि बिजली नहीं मिल पाने के कारण वो सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं. इससे उनके खेत में लगी फसल को नुकसान हो रहा है.
गांवों में जाकर देखने पर बड़ी ही भयावह तस्वीर सामने आ रही है, क्योंकि तालाब और कुएं सूख चुके हैं. इसके कारण मवेशियों को पानी नहीं मिल पा रहा है. किसानों को सिंचाई के लिए ना पानी मिल पा रहा है और ना ही बिजली मिल पा रही है. अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट में आई खबरों के मुताबिक राज्य में लू लगने से नौ लोगों की मौत हो चुकी है. मॉनसून में देरी के कारण झारखंड के तापमान में इस तरह से बढ़ोतरी देखी जा रही है. बढ़ते तापमान को देखते हुए राज्य में फिर से स्कूलों की छुट्टी बढ़ा दी है. अब सभी स्कूलों को 21 जून से खोलने का नया आदेश जारी किया गया है.
झारखंड के अलग-अलग जिलों के तापमान की बात करें तो पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम में जबरदस्त हीट वेव चल रही है. इसके लिए चेतावनी भी जारी की गई है. सिमडेगा, गढ़वा, पलामू और चतरा में गर्मी को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. बाकी बचे सभी जिलों में हीट वेव को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है. हालांकि मौसम विभाग का अनुमान है कि राज्य में 20 जून के बाद से बारिश होगी, इसके बाद तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी. गोड्डा में अधिकतम तापमान 46.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है. जबकि देवघर में तापमान 44.7 डिग्री, बोकारो में 41.9 डिग्री, जमशेदपुर में 41.5 डिग्री, डालटेनगंज में 42.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है.
गर्मी को देखते हुए किसान भाईयो से अपील की गई है कि वो खुद और मवेशियों का खास ख्याल रखे. मवेशियों को समय-समय पर खाना और पानी देते रहे. उन्हें धूप में नहीं बांधे. अगर पानी की अच्छी व्यवस्था है तो उन्हें नहलाएं और खाली जगह पर नहीं छोड़े. मवेशियों में लू का लक्षण दिखाई देते पर तत्काल पशु डॉक्टर से संपर्क करें. वहीं अगर खेत में सब्जी या फसल लगीं हुई है तो समय समय पर सिंचाई करें और खेत में नमी बनाए रखे. नमी बनाए रखने के लिए किसान मल्चिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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