झारखंड में सूखे का संकट एक बार फिर से दिखाई दे रहा है. कुछ जिलों की स्थिति बेहद खराब है जहां पर सामान्य से भी कम बारिश हुई है इसके कारण खेती का कार्य प्रभावित हुआ है. हालांकि पिछले दो-तीन दिनों से कहीं कहीं पर बारिश हुई है इससे किसानों की उम्मीद जगी पर इस बारिश को अभी भी पर्याप्त नहीं माना जा सकता है क्योंकि अभी भी राज्य के कई जिलों में नदी तालाब और कुएं सूखे हुए हैं. खेतों में पानी के अभाव में दरारें पड़ रही है. राज्य के खूंटी जिले की स्थिति बेहद खराब है यहां पर कई जगहों से खेत सूखने की खबरें आ रही है इसके अलावा चतरा जिले की स्थिति भी बेहद गंभीर है.
राज्य में इस साल भी कमोवेश पिछले साल 2022 जैसे ही हालात दिखाई दे रहे हैं. यही कारण है कि उन जिलों में खास नजर रखी जा रही है. इस बार राज्य के लगभग नौ जिले ऐसे हैं जहां सावन के महीने में भी अबतक अच्छी बारिश नहीं हुई है. इनमें बोकारो, पलामू, धनबाद, रामगढ़, गुमला, दुमका, चतरा, रांची और जमशेदपुर शामिल है. इन जिलों के हालात को देखते हुए कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने इन जिलों के उपायुक्तों को पत्र लिखा है और संभावित सुखाड़ से निपटने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा है. यह प्रस्ताव 25 जुलाई तक तैयार करने के लिए कहा गया है. प्रस्ताव मिलने के बाद 31 जुलाई तक इसे आपदा प्रबंधन विभाग झारखंड के जरिए दिल्ली भेजा जाएगा.
गौरतलब है कि देश के 12 राज्यों में उम्मीद से कम बारिश के कारण उत्पन्न हुए सुखाड़ की संभावना के मद्देनजर स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने एनडीएमए भवन में सात जुलाई को एक बैठक का आयोजन किया था. जिसमें सात राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. इनमें झाऱखंड भी शामिल था. इस बैठक के बाद एक प्रपत्र जारी किया गया है, इसके अनुसार सभी राज्यों के प्रतिनिधियों को प्रस्ताव देने के लिए कहा गया है. हालांकि कृषि विभाग के अनुसार राज्य में स्थिति फिलहाल सुखाड़ की नहीं हैं पर यह चिंताजनक जरूर है. बारिश को लेकर पिछले साल जो हालात थे, इस साल भी वही हालात दिखाई दे रहे हैं.
जुलाई के महीने में राज्य में 40 फीसदी से भी कम बारिश हुई है. कुछ जिले तो ऐसे भी हैं जो बारिश लिए बिलकुल तरस गए हैं. किसान चिंतित है, उनका कहना है कि अगर और 10 दिनों तक यही हालात रहते हैं तो स्थिति और चिंताजनक हो सकती है. मौसम विभाग के जारी आंकड़ो को देखे तो पिछले 24 घंटे में चतरा, हजारीबाग, लोहरदगा, गढ़वा, साहेबंगज और लातेहार में एक भी बारिश नहीं हुई है. जबकि सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम में सबसे अधिक 10 मिमी बारिश दर्ज की गई है. इसके अलावा कई ऐसे जिले भी हैं जहां पर 0.5 मिमी बारिश दर्ज हुई है.
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