कलयुग के श्रवण कुमार होने का उदाहरण नागौर के एक बेटे ने दिया है. नागौर का यह बेटा ब्रिटेन में सालाना 72 लाख रुपए के पैकेज पर एप्पल कंपनी में कार्यरत था. लेकिन मां-बाप से बात करने के लिए केवल एक माध्यम था फोन, जिससे वह बात करता था. जब कोरोना ने पूरे विश्व में हाहाकार मचाया तब वह भी ब्रिटेन से भारत आया. देखा बिना सेवा के बिना मां-बाप कैसे जीवन यापन करते हैं. जिस समय उनको सेवा करवाने की जरूरत होती हैं, उस समय पर उनको सेवा नहीं मिल रही. यह सोचकर उसने 72 लाख रुपए सालाना के पैकेज को ठोकर मारकर मां-बाप की सेवा में लग गया. साथ ही अपने गांव पर जैविक खेती करने लग गया.
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