अब तक हम इतिहास की किताबों में पढ़ते रहे हैं कि पानी से कौन सी सभ्यता विकसित हुई और कौन सी सभ्यता मिट गई. बुंदेलखंड भी पानी के लिए त्राहिमाम करने लगा था, लेकिन समाजसेवी पुष्पेंद्र भाई ने बांदा में ऐसा मंत्र दिया कि पूरे इलाके में हजारों तालाब बन गए. उनका नारा था ‘तालाब बनाओ, पैसे कमाओ’, लेकिन ये समझाने में उन्हें तीन दशक से ज्यादा का समय कुर्बान करना पड़ा. उनसे किसान तक की खास मुलाकात देखिए.
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